Vishal Nishchal   (Vishal~The Hidden Poet✍️)
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Joined 10 September 2020


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16 JAN AT 20:32

चाहा उसे टूटने के बाद भी,
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क्यूंकि कभी टूट कर चाहा था उसे।।.....

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16 MAR 2023 AT 23:59

तहज़ीब-ए-इश्क़ के घूंघट में उन्होंने सिर्फ सिफलगी की है।
उनकी इस अदा से मेहरूफ हमने तो सिर्फ़ दिल लगी की है।।

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4 FEB 2023 AT 14:13

वो लहज़ा लफ्ज़ का ही था जो उनकी जुबां पे आ गए हम।
वरना, उनकी ज़हन से तो बहुत पहले ही जा चूके थे हम।।

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14 JAN 2023 AT 23:10

मैं किसी रेगिस्तान की प्यास और तुम बारिश की एक बूंद सी मालूम परती हो।
की, मै किसी रेगिस्तान की प्यास और तुम बारिश की एक बूंद सी मालूम परती हो।
मैं किसी धूप का उजाला और तुम कोहड़े की एक धुंध सी मालूम परती हो।।
कहती हो, हीर रांझा से भी बढ़कर होगा प्यार हमारा।
और कहती हो, हीर रांझा से भी बढ़कर होगा प्यार हमारा।।
अजी छोरो!!!
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क्या बेफुज़ूल की बात करती हो!!!!!!!!!!

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8 MAY 2022 AT 23:26

एक प्यारा सा सवाल।।
क्या होती है, मां?????
तो,सुनो.....
एक अक्षर में पूरी श्रृष्टि का सारांश है मां।
हर पल जो महसूस हो,वो एहसास है मां।।
जो टूटे न टूटे,वो विश्वाश है मां।।।
ये तो कुछ भी नही,
निःस्वार्थ प्रेम का उदाहरण है मां।
फिर भी कितनी साधारण है मां।।
बच्चे की पहली बोली है मां।
बेटी की पहली सहेली है मां।।
फिर भी कितनी अकेली है मां।।
कुछ भी नही कहती है मां।
अकेले ही दर्द सहती है मां।।
फिर भी हमेशा हसती है मां।।।
ये होती हैं मां,हां ये होती है मां
ये अंत नही,अभी तो और लिखना है।
उनसे मुझे और बहुत कुछ सीखना है।।

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22 MAR 2022 AT 9:09

"बिहारी हमारी पहचान"
हम गौरवान्वित बिहारी हैं।।
इसकी रोचकता हमें जान से भी ज्यादा प्यारी है।।
ना जाने कितने कलेक्टर और आईपीएस ने यहीं से बाजी मारी है।।
पहले राष्ट्रपति हमारे, हां जी पहले राष्ट्रपति हमारे वो भी तो बिहारी हैं।।
प्रसिद्ध बुद्ध ने भी तो यहीं से पाई शिक्षा सारी है।।
हम गौरवान्वित बिहारी हैं।।
माता सीता का जन्म यहां और यहीं बनी राम की दुलारी हैं।।
बने अशोक सम्राट यहां के, दुनिया भर में बाजी मारी है।
और कैसे भूले हम मांझी को,और कैसे भूले हम मांझी को,
जिन्होंने पहाड़ तोड़,सैकड़ों की राह संवारी है।।
ये वही बिहार है‌ और हम गौरवान्वित बिहारी हैं।।
यही गंगा, बागमती, कोशी ना जाने कितनी नदियां बहती सारी हैं।।
मिथिला पेंटिंग की भी रचना अद्भुत और दुनिया भर में प्यारी है।।
इसीलिए बिहार से हम और बिहारी पहचान हमारी है।।
क्योंकि हम गौरवान्वित बिहारी हैं।।

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8 FEB 2022 AT 17:42

ख़ुद को उलझाकर सुलझाया है तुम्हे।
बड़ी मुश्किल से सबसे बचाया है तुम्हे।।
कहते हैं जिसे प्रेम की भाषा,
बड़े प्यार से उसको समझाया है तुम्हे।— % &

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3 JAN 2022 AT 8:13

चलो, एक बार फिर से तुम्हें याद करते हैं।
जा तो चुके हो ये जानते हुए भी,
चलो एक बार फिर भी,आख़री फ़रियाद करते हैं।।
चलो एक बार फिर से तुम्हें याद करते हैं।।
तेरी गलतियों को नज़रअंदाज करते हैं।
मासूमियत भरी तेरी मुस्कान को, महफ़िल- ए -आम करते हैं।।
हक़ीक़त में अब न सही, ख़्वाबों में चलो प्यार तुम्हें बेशुमार करते हैं।
आओ चलो एक बार फिर से तुम्हें याद करते हैं।।

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3 JAN 2022 AT 6:56

ख़ामोश मंज़िल और उसमें उलझ सा गया हूं मैं।
मंज़िल की तलाश में बहुत अकेला सा हो गया हूं मैं।।

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4 DEC 2021 AT 19:02

बातों ही बातों में हर राज़ जान रहे थे वो।
बड़ी बख़ूबी से हमे पहचान रहे थे वो।।
रोक कर भी ख़ुद को रोक न सके हम।
उनके सामने अपने सारे राज़ खोलते चले गए हम।।

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