Vishal Maurya   (Vishaloktiya)
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Joined 30 May 2017


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Joined 30 May 2017
7 JAN AT 20:00

मेरी सुबह नही हुई सुबह से,
वो क्या है तुम बोली नही सुबह से

हंसते हैं रोते है बेबात की बात पे,
यूँ ही हैं बस तुम्हारे बिन बेवजह से ।

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10 DEC 2024 AT 10:03

कुछ नमक से थे हम,

सबने अपने स्वादानुसार ही समझा!

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8 DEC 2024 AT 15:06

दुनिया पहले बेरंग थी,
फिर इजात हुआ मेहंदी का, और तुमने हाथों पर लगा ली।

फिर दुनिया पर रंग चढ़ गया।

इस दुनिया को रंगीन बनाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया !

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28 NOV 2024 AT 23:47

पार्थ : सब खिलाफ है माधव!

माधव: सब हारेंगे पार्थ....सब हारेंगे!

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26 NOV 2024 AT 17:49

किसी संविधान सी हो तुम मेरे लिए,
जैसा कहोगी वैसा ही चलूंगा!

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22 NOV 2024 AT 0:16

यूँ तो जिंदगी के सफर में ,
कई कमाल के लोग हैं मिलते।
असली कमाल का इंसान तो वो है,
जो मंज़िल तक साथ चले।

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10 NOV 2024 AT 14:36

कहानी के अहम किरदार से हो तुम,

तुम्हारे बिना ये कहानी नही चलेगी।

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9 NOV 2024 AT 21:23

तुम भूल से मुझको ले के चली गयी हो,

जब आना तो तो लेती आना।

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6 NOV 2024 AT 12:32

अधूरे खत - भाग 1

एक बात पूंछू,

तुमने खत में वो क्यों लिखा था?
क्या दूरी दो लोगों को एक दूसरे को भूलने पर मजबूर कर सकती है?
यकीन मानो, मैं तुमसे जितना दूर जाता हूँ, तुम उतनी ही मुझे याद आती हो।

वैसे तो यहाँ सबकुछ है, बस तुम नही।

अच्छा...तुमने बताया नही वो आम का पौधा कितना बड़ा हो गया जो हमने साथ में लगाया था.....

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6 NOV 2024 AT 7:04

कभी सच्चा इश्क़ हुआ तो समझोगे,

इश्क़ कैद करके आजाद करता है।

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