दिल की हक़ीक़त लिखते कहाँ हैं
टूटें ना जब तक बिख़रते कहाँ हैं
खुद को समेटे हैं खुद के ही अंदर
खुद से भी बाहर निकलते कहां हैं
तुम्हें आईना हम बना ही चुके हैं
देखे बिना हम सवँरते कहाँ हैं
बिछड़ें जो तुमसे बिछड़ने ना देना
बिछड़ते हैं जो वो मिलते कहाँ हैं
दिल की हक़ीक़त लिखते कहाँ हैं
टूटे ना जब तक बिख़रते कहाँ हैं |-
@deep_shayari1412
Maut toh naam se badnaam hai mursad
Takleef toh zindagi behisaab
Deti hai💔...-
सोचता हूँ,खुद को खुद से मिलाऊ कभी
हो ना पायी पुरी,वो बाते बताऊ कभी
देख लेती है आँखे खुद मे जहाँ सारा,
सोचता हूँ ख्बाव भी इसे दिखाऊ कभी-
"Mohobaat agar ruh se ho to
Aankho ke saamne
Lakho jism dikhane wale aaye
To bhi aankhe uski hi raah dekhegi"-
कभी कभी इतना परेशान होता हूं,
की लगता है कोई हो जो बाहों में लेके कहे,
में हूं ना परेशान मत हो !-
Life Me Muskile
Tamam Hai ...
Fir Bhi Labon Me
Muskan Hai....
Kyu Ki Jeena Har
Haal Me Hai...
To Muskurakar Jeene Me
Kya Nuksan Hai..-
रिश्वत ही नहीं लेता कमबख्त
जान छोड़ने की,
ए सनम तेरा ये इश्क़ मुझे,
बहुत ईमानदार लगता है ।❣️🤗-
जो आसानी से मिल जाता है
वो हमेशा तक
नही रहता
जो हमेशा तक रहता है
वो आसानी से नही मिलता-