लोग कहते हैं तुम मेरी हाथो की लकीर में ही भी हो तो तकदीर में कैसे मिलती !!
अरे! तुम तो मेरी लकीरों में आना भी नहीं लिखा था तो जाना खा से मान लूं !-
पर तुम तो बरसो से आदत हो मेरी । 👨❤👨
I am bachelor d... read more
तुम्हे खुद से दूर जाता महसूस कर रहा हूं अब !!
तुम्हे हार गया समझूं ! या मेरी बदनसीबी !-
पाव जर्जर ही सही मंजिल आती तो है
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है
एक चिंगारी कही से ढूंढ लाओ
इस दिए में तेल से सनी बाती तो हैं !-
हां ! मुझे कहा फड़क पड़ता बात करने ना करने से ,
तुम्हे पड़ता है इसलिए ही तो बाते कर लेता हूं !-
कौन सा ग़म था जो ताज़ा न था
इतना ग़म मिलेगा अंदाज़ा न था !
आपकी झील सी आंखों का क्या क़ुसूर
डूबने वाले को ही गहराई का अंदाजा न था !-
हम जिनके लिए जग से लड़ते है ,
हम उनकी भी निगाहों में गड़ते है ।
- वाह रे किस्मत...-
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है,
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…........!!!-
वो हमसे अब दूर होने की शर्त रख रहे हैं..
हमने कहा ," क्यू नही !
अगर आपने ईमानदारी दिखाईं ?
तो हम भी निभा लेंगे .....-
हमारा तुम्हारा साथ भी उस रेल की पटरी सी है
साथ साथ तो चल रहे है पर मिलना मुकद्दर में कहा ...!-