कोई कब तक महज सोचे,
कोई कब तक महज गाये।
क्या कभी ये मुमकिन है,
कि कुछ ऐसा भी हो जाये।
मेरा महताब उसकी रात के,आगोश में पिघले।
मैं उसकी नींद में जागूं, वो मुझमें घुल के सो जाये!...✍🏻-
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प्रोफेशनल नही बस शौक है यूं ही... read more
तूने जो ख़त कभी नहीं भेजा,
हम रोज़ उसे पढ़ते रहे।
तेरी आवाज़ हवा में ढूँढकर,
हम खामोशियों से बात करते रहे!...✍🏻-
ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको,
हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं ,
बदले बदले से तो आप हैं जनाब,
जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं!...✍🏻-
उम्मीदें टूट जाने पर भी ,
सिर्फ़ उसी से ही उम्मीद करना ,
आसान नहीं है ज़िंदगी को रफू करना,
बहुत मुश्किल हैं शुरू से शुरू करना!...✍🏻-
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए,
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए!...✍🏻-
ज़िक्र ना करो उनकी अदाओं के बारे में,
मैं जानता हूं बहुत कुछ वफ़ा के बारे में,
सुना है वो भी मोहब्बत का शौक़ करने लगे,
जिन्हे खबर ही नहीं कुछ वफ़ा के बारे में!...✍🏻-
किसी के इश्क की खातिर जिंदा हूं मैं,
वरना लोग तो मुझे कबका मार चुके है!...✍🏻-
रेत की तरह सरकता हुआ वक्त भी संभाल लेंगे,
जब हाथ उनका अपने हाथों में थाम लेंगे!...✍🏻-
रहमत खुदा की एक दिन ,
उन पर भी बरसेगी ।
हो कर किसी ओर की वो ,
मेरे ही प्यार को तरसेगी।...✍🏻
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