Vishal Dixit   (Μʀ.διϰιτ)
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Joined 27 April 2018


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Joined 27 April 2018
3 FEB AT 21:46

चला गया है

तू होकर जब से रुखसत चला गया है मानो मेरी जिंदगी से सुकून चला गया है

जब भी कोई पूछता है क्यों रो रहे हो मैं कह देता हूं आंख में कुछ चला गया है

हो सकता था दोबारा मिल जाते हम पर शायद अब वो वक्त भी चला गया है

ये चराग़ अब मुझे बेकार मालूम होता है इस चराग़ से अब उजाला चला गया है

ये बाग जो हरा भरा था सुख कैसे गया अब इस बाग से बागबान चला गया है

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14 AUG 2024 AT 22:56

Aisa hi hoon mai, sambhal logi kya?


Mai bolta kam hun Meri khamoshi se baat samajh paogi kya?

Mai sochta bohot hun Meri soch ko sambhal paogi kya?

Mai short tempered hoon Mere gusse ko jhel paogi kya?

Mai nirash ho jau kabhi Toh mujhe mana paogi kya?

Mai kamyaab banna chahta hoon Meri.....

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5 OCT 2023 AT 1:07

Hy my yq family connect me Instagram becouse m not using yq .
Link in my profile bio.

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5 OCT 2023 AT 0:59

गुनाहगार न बन उसको बद्दुआ देकर!

ग़ुरूर उसका उसे खुद ही मार डालेगा!!

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19 SEP 2023 AT 0:31

सुनो ...
रुकी हुई ज़िन्दगी का ..
एक और चलता हुआ दिन मुबारक हो7

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23 JAN 2023 AT 23:18

मैंने कब कहा के मुझकों अब के अब समझ के देख...
फ़ुर्सत मिले दुनियां से मुझको तब समझ कर देख...

तू है अगर हवा तो मुझे परिन्दा मान ले...
तू है अगर दरिया तो मेरी तलब समझ कर देख...

तू है अगर तू ही है मेरी नज़र में बस...
मेरी सबरे ख़ामोशी का शबब समझ कर देख...

मैं कहता हूं इश्क़ हो जायेगा मुझसे...
तू मेरी किसी ग़ज़ल का मतलब समझ कर देख...

है आरजू अगर आरजू को आरजू ही रख...
तन्हाइयों में जीने का अदब समझ कर देख.....

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9 DEC 2022 AT 23:55

Yq ko bye bye

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30 NOV 2022 AT 23:59

फिर से चुप कराओ न माँ,
तेरा बेटा अब अंदर से रोता है..!!

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28 NOV 2022 AT 0:34

शतरंज सी जिन्दगी में
कौन किसका मोहरा है,
चेहरे एक है...,
मगर सबका किरदार दोहरा है..

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4 OCT 2022 AT 23:54

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,

इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!

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