मंदिर-मस्जिद वालों को,
अस्पताल और श्मशानों की कतारों में रोल गया..
अपनों को खोने की पीड़ा और
कुछ ना कर पाने की लाचारी को हमारे अंदर तक घोल गया..
ये कोरोना!..हम सबकी पोल खोल गया!!
अमीर-गरीब सबको,
अव्यवस्था के एक ही तराज़ू में तोल गया..
झूमलो और झूठे दावों का सिस्टम,
एक ही झटके में डोल गया..
ये कोरोना!..हम सबकी पोल खोल गया!!
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