Vishal Bhushan   (Vishal Bhushan)
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आत्मनिर्भर....At Purnia,Bihar
DOB-25th Of December
Joined 16 February 2018


आत्मनिर्भर....At Purnia,Bihar
DOB-25th Of December
Joined 16 February 2018
1 OCT 2024 AT 20:25

आज मैं तुमसे दूर हूँ,
तुम्हें मिलने से मजबूर हूँ,
यत्न अनेको किये हैं मैंने
हर संभव प्रयास किये हैं मैंने,
तेरी खातिर हठ भी छोड़ा,
सबके आगे हाथों को जोड़ा,
लेकिन मैं बता ना पाया,
अपनी हालत समझा ना पाया,
दोष कहाँ था समझ ना पाया,
क्योंकर आखिर मैं जीत ना पाया,
अब उम्मीदें छोड़ चुका हूँ,
अपनी हद को पहचान चुका हूँ,
झूठे सहारों को परे हटा कर
अब मैं जीना सीख चुका हूँ,,
फिर भी एक उम्मीद अभी बाकी है,
बस एक सहारा काफी है,
शायद तुम हाथ बढ़ा बैठो,
मेरी उम्मीद जगा बैठो,,
मैं इसी सहारे जीता हूँ
बस,इसी सहारे जीता हूँ।।।
Vbhushan

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12 FEB 2024 AT 21:51

हार हो या जीत हो,ये अलग बात है...
पर कोशिश ना हो,ये गलत बात है।

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21 MAY 2023 AT 17:09

दूरियां जब बढ़ी,तो गलतफहमियां भी बढ़ी...
फिर उसने वो भी देखा-सुना जो मैंने किया-कहा भी ना था।

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18 JAN 2023 AT 20:57

जब कभी कोई किसी से प्यार कर बैठता है,बहुत से तरीके होते हैं इज़हार करने के।अंतर बस इतना होता है कि कोई स्पष्ट कह पाता है और कोई हर पल रास्ता ही ढूंढता रह जाता है। उस रास्ते ढूंढने के चक्कर में जो गुस्सा,झुंझलाहट और बेतरतीबी हम में आई और हर दिन तुम्हारे सामने जाने पर सिर्फ तुम्हें देखने भर के लिए हीं हिम्मत जुटाने की कोशिश करने पर भी,ना देख पाने पर,तुम्हें लगा की हमने नजरंदाज किया है,तो काश तुम मेरे उस गुस्से,झुंझलाहट और बेतरतीबी में छुपे तुम्हारे प्रति अनकहे प्यार को समझ पाती तो तुम कभी ऐसे छोड़ कर नहीं जाती....
काश!तुम एक बार समझ पाती...
काश!तुम वापस आ जाती.... 30/12/22

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15 JAN 2023 AT 20:15

मैं अकेला नहीं होता कभी...
मेरे किरदार मेरे साथ होते हैं।

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31 OCT 2022 AT 19:40

जब मुझे महसूस हुआ
की जीवन व्यर्थ जा रहा है,
मैने तुमसे प्रेम किया.....



जीवन को सार्थक बनाने का,
इससे सुंदर तरीका नही ढूंढ पाया मैं।।

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20 AUG 2022 AT 9:22

तुम हो,इतना काफी है मेरी दुनियां के लिए
किसी और की जरूरत नहीं मुझे मेरे लिए



20/08/22

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20 JUL 2022 AT 9:57


इस अनोखे भ्रम में एक राहत है।
जो बाकी है,वो एक जरा सी आहट है।

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16 JUL 2022 AT 9:28

वक्त मिला तो तेरे कूचे से गुजरेंगे हम...
वरना हम वो हैं,जिन्हें तो राहें सलाम किया करती हैं।

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16 JUL 2022 AT 9:20

कुछ तो था...
जो बंधा बंधा सा था...
अब जो है वह पूर्णतः मुक्त है...
वो विशाल है....

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