दर्द से भरा तेरा सीना है, मुश्किल हुआ तेरा जीना है
दर्द अपना तुम हमें बताते नहीं, घूंट घूंट आंसू तुम्हें बस पीना है-
पिता जी बीमार रात को सोए हुए थे, मां को मैने रातभर पिता की फ़िक्र में जागते हुए देखा। जब भी पिता की आराम से सोते हुए नींद खुलती तो मां एकदम से डर जाती, और देखती कहीं उन्हें कोई तकलीफ तो नहीं है? लेकिन सब ठीक होता है, फिर मां को थोड़ी राहत मिलती है।
(ये था पति पत्नी का प्यार दुनियावी तौर पर, लेकिन आध्यात्मिक तौर पर) ऐसा ही प्यार एक भक्त करता है।
जो खुद को (पत्नी) और परमात्मा को अपना (पति) समझता है। वो भी दिन रात अपने पति की फ़िक्र (याद) में रहता है।
उसे भी डर है कहीं उसको अपने पति(परमात्मा) की फ़िक्र(याद) भूल न जाए। कहीं उसकी इस हरक़त की वजह से पति की तकलीफ़ (परमात्मा का मुंह मोड़ लेना, नाराजगी) न सहनी पड़े। क्यूंकि वह अपने परमात्मा से बहुत प्रेम करता है।-
याद रखो आप आजाद तब तक हैं,
जब तक आप अपनी मर्जी से जी रहे हो..!
लेकिन जब आप की आवाज़ को दबाने की कोशिश हो रही हो और आप अपने हक के लिए उसका विरोध नहीं करते। तो समझ लेना गुलामी की जंजीरों में बंधने और प्रताड़ित होने वाले हो।-
Ki Gal Pyar Krke Vi Ronde o....
Pyar Ta Jeena Sikhanda Rona Ni...
Je Pyar Sacha(Rooh) Bala Hai Ta
Fir Apna Naffa Nuksaan Dekhe Bina,
Pyaare Di Khushi Lyi Khud Nu Kurbaan
Kar Dena Chahida Hai...
Pyar vich Ta Bs Deyi javo...
Fir Bhave Pyaara Mod Ke Kuch Deve Ya Na Deve.....
(Bina Ummed Us Di Khushi Vich Khush Rhna hi
Asal IshQ Hai) 😊-
भले इंतजार करो धूप खिलने की मगर बाहर
तो सावन आने की आहट है
ठीक वैसे
दुनिया में हर किसी की अपनी मर्जी,अपनी पसंद
और अपनी चाहत है-
ऐ दोस्त..! मुझ से नाराज़ मत होना, कभी तो मैं भी तुम्हारी पसंद था
बता नहीं पाया मेरे दिल की मजबूरी दिमाग में लगा जंग था।
देख के तुम्हारी मासूम सी दिल्लगी मुझे बहुत सकूं सा मिला था
भुला के गम पुराने मैं नए फूल सा खिला था।
सादगी में लिपटा हुआ चांद का टुकड़ा देखा नजर भर था
तुम्हारी प्यारी मुस्कुराहट सी कहीं खो न जाए इस का डर था।
चाहत सी उमड़ पड़ी थी तुम्हें अपना बनाने की
मगर किस्मत को कहां मंजूर था
बात तेरी खुशियों की थी इसलिए खुद को तुझ से किया दूर था।
रखकर दिल पर पत्थर दोस्त तुम्हें नजरंदाज कर दिया
थोड़ा सा पल ही सही लगा खुद को संवार लिया।
ख़ुश रहो सलामत रहो दुआ है मेरी,
खुदा करे जन्नत की खुशियां बिछ जाए राहों में तेरी।-
हर किसी को ईश्वर ने अलग बनाया है, वही करो जिसे
तुम दिल से करना चाहते हो। सभी के लिए उसने
कुछ खोजने को रखा है, उसे खोजो।
भेड़चाल न चलकर खुद के सपनों को पूरा
करने में ध्यान देना चाहिए।
जीवन में हर कोई एक ही है, उसके जैसा दूसरा नहीं बनाया गया।
सेब गिरते सबने देखा मगर गुरुत्वाकर्षण (gravity) को सिर्फ Newton समझ सके।उनमें वो खूबी थी।
इसलिए हम सब में कोई न कोई
अलग अलग खूबी है, जो खोज लेते हैं।
वो नाम कमा लेते हैं और जो नहीं खोज पाते
वो आराम फरमा लेते हैं। इतना ही फर्क है बस।-
ऐ दोस्त…! अगर मैने तुम्हें नरअंदाज किया
तो वो दिल से नहीं, बस एक झूठा दिखावा था।
मैं तुम्हारे काबिल नहीं, खुशियां तुम्हें दे नहीं सकता
तुम्हारा दिल दुखाना मेरा इरादा न था।-
अगर ऐसे भटकते रहे तो कभी मंजिल पर नहीं पहुंच सकते।
अगर मंजिल पर नहीं पहुंचे तो ऐसे ही भटकते रहोगे।
तो देर न करें अभी से ही एक चलना शुरू करें।-
बहुत जिद्द करता है दिल कहता इश्क़ कर ले,
पर इसे कौन समझाए?
इसके लिए भी सरकारी नौकरी चाहिए...!-