पाने की चाह मे, मैं खो न दु तुझेकभी जो वो रूठे, मैं ही मनाऊ तुझे -
पाने की चाह मे, मैं खो न दु तुझेकभी जो वो रूठे, मैं ही मनाऊ तुझे
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प्यार करना कोई तुम से सीखे, प्यार मे मरना कोई तुम से सीखे, वक़्त मुस्कान ,रुलाना कोई तुम से सीखे। दिल को बहलाना कोई तुम से सीखे। अपना बना कर छोड़ जाना कोई तुम से सीखे। -
प्यार करना कोई तुम से सीखे, प्यार मे मरना कोई तुम से सीखे, वक़्त मुस्कान ,रुलाना कोई तुम से सीखे। दिल को बहलाना कोई तुम से सीखे। अपना बना कर छोड़ जाना कोई तुम से सीखे।
जमाना बदल गया है वक्त के साथ साथ मगर मेरी जिंदगी संभल जाए तो क्या बात होगी। दिन वही काम वहीमगरतू बदल जाए तो क्या बात होगी। -
जमाना बदल गया है वक्त के साथ साथ मगर मेरी जिंदगी संभल जाए तो क्या बात होगी। दिन वही काम वहीमगरतू बदल जाए तो क्या बात होगी।
उम्मीदों की नगरी से ख्वाबों में उड़ कर पास वोह आए सपनों में हमदर्द बन कर -
उम्मीदों की नगरी से ख्वाबों में उड़ कर पास वोह आए सपनों में हमदर्द बन कर
। वक़्त किसी को किसी का ना होने देता ।क्या पता आज यह सोच के , वक़्त हैगुजर वक़्त जाएगा ।ना जाने कौन अपना हो जाएगा ना जाने कौन पराया हो जाएगा ।। -
। वक़्त किसी को किसी का ना होने देता ।क्या पता आज यह सोच के , वक़्त हैगुजर वक़्त जाएगा ।ना जाने कौन अपना हो जाएगा ना जाने कौन पराया हो जाएगा ।।
छुआ उसने मेरे कमरे की कुछ चीजों को ।हो चुकी है वोह चीजे अब बेहस्किमती ।।रखा याद मैंने भी ना था उस रात कोछुआ तोह उसने भी था मेरे हाथ को ।। -
छुआ उसने मेरे कमरे की कुछ चीजों को ।हो चुकी है वोह चीजे अब बेहस्किमती ।।रखा याद मैंने भी ना था उस रात कोछुआ तोह उसने भी था मेरे हाथ को ।।
किनारों पर लिपटा हुआ मैं ।गुजर गया छू कर तुमको ।।रोक लेना अगर चाहो तो ।ब ह जाऊंगा तुम्हारे लहबो पर ।। -
किनारों पर लिपटा हुआ मैं ।गुजर गया छू कर तुमको ।।रोक लेना अगर चाहो तो ।ब ह जाऊंगा तुम्हारे लहबो पर ।।
मेरे एहसास मेरे जज़्बात तु महसूस करे मेरे हर ख्यालातकहीं दूर हो या कहीं पास तु दफ़न ना होने दे मेरे यह ख्वाब -
मेरे एहसास मेरे जज़्बात तु महसूस करे मेरे हर ख्यालातकहीं दूर हो या कहीं पास तु दफ़न ना होने दे मेरे यह ख्वाब
कोई क्या कहता है कौन ना जाने सुनता है ।उसे क्या पता जो किसी के ख्यालों में रहता है।। -
कोई क्या कहता है कौन ना जाने सुनता है ।उसे क्या पता जो किसी के ख्यालों में रहता है।।
अब नहीं बोलूंगा वफा ए इश्क़ को ।फर्क अब नहीं पड़ता जुनून किसको ।।पैसा है सब कुछ जा के रोकु में अब किस किस को।। -
अब नहीं बोलूंगा वफा ए इश्क़ को ।फर्क अब नहीं पड़ता जुनून किसको ।।पैसा है सब कुछ जा के रोकु में अब किस किस को।।