vishal adbal   (✒️ Vishal Adbal)
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Joined 20 December 2018


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Joined 20 December 2018
8 OCT 2024 AT 23:53

नही है हार मतलब हारने का
तुने ही बताया
मर चुके मेरे जज्बे को
तुने ही जगाया
क्या लिखू मैं किस्से तेरे
मेरे कागज और कलम से
तेरे प्यार की स्याही से
तुने मेरा किरदार है सजाया

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8 OCT 2024 AT 23:13

लाखों की भीड में
मैं भरोसा उसपे करता था
जो ना हासील था कभी
उसको खोने से मैं डरता था
मुझे फेक दिया कोने में
जैसे पुराना खिलौना
यार उसका चीखना तो छोडो
मैं उसकी खमोशी भी सुनता था

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15 SEP 2024 AT 23:04

बढाने मेरे हौसले को,
गैरों ने बजाई ताली थी
मोहब्बत मेरे अपनों की,
देखी मैने जाली थी
कोसता हूँ खुदकों,
क्यूं माना उसको अपना
उसके दिल में भी था दिमाग,
बस शकल भोली-भाली थी

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2 SEP 2024 AT 10:32

सोने जाता, सो ना पता,
खाती राते काली थी,
देखके खुदको आइने में,
मेरे मुंह मे आती गाली थी,
Never ever care for anyone,
Mind It
मैं हूँ सब का, सब है मेरे,
यह गलतफहमी पाली थी

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27 AUG 2024 AT 23:02

मैं खाक से बना हूँ,
खाक मे हि मिल जाना है
घमंड किस बात का,
सबका कब्र हि ठिकाना है
जो पसंद है उसे नही पाया तो है क्या मजा
आज हो या कल,
एक दिन सब को हि मर जाना है

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3 AUG 2024 AT 12:36

ये बात उस दिन की, जब जेब मेरी खाली थी,
बेरंग सी थी होली, बिना जश्न की दिवाली थी
ऐसे कैसे गिरने देता, दिवार मेरे सपनों की,
मेरे हौसलों की नींव मेरे बाप ने संभाली थी

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3 AUG 2024 AT 12:28

ये बात उस दिन की, जब जेब मेरी खाली थी,
बेरंग सी थी होली, बिना जश्न की दिवाली थी
ऐसे कैसे गिरने देता, दिवार मेरे सपनों की,
मेरे हौसलों की नींव मेरे बाप ने संभाली थी

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29 JAN 2024 AT 18:01

एक उम्र खर्च कर दी जमाने पर,
एक पल ना बिता पाए खुद के साथ
औरों से उम्मीद भी नही मुझे समेटने की,
मुझे बिखराने में था मेरा ही हाथ

अब उठ चुके है नींद से
एक कर देंगे दिन और रात
बुझा सके जो आग मेरे सीने की
क्या समंदरों की औकात

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20 JAN 2024 AT 15:31

लिए कलम को हाथ में, लिखना खुदका मुकद्दर है
तुम जानते ना मुझे बुंदभर भी, समंदर मेरे अंदर है
तुम गुरुर में हो खोखले, ना औकात तुम्हारी रत्तीभर
चीख तुम्हारी फिकी लगे, मेरी खामोशी भी भवंडर है

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25 NOV 2023 AT 19:36

जितने छन्नि में नही, उतने छेद मेरी नसीब की झोली में
छिनके रहुंगा हक अपना, खेलुंगा खुशियों की होली मैं
रोया मैं हर बात पे, पर बार बार ना एक बात पे
दिल मे बसे "महाकाल", "जय श्री राम" मेरी बोली में

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