कभी मै जिसे बहुत कीमती समझता था
आज वो मेरी ही कीमत लगा कर चला गया-
तुम बेवजह ही सही दिल दुखाते रहना
🏡 बक्सर (बिहार)
प्रेमिका से अलग होने के बाद उसके प्रेम को न भूल पाने के लिए
व्यक्ति कलमकार बन जाता है और जिंदगी उसकी स्याही।-
जब भी मेरी रुकी कलम चलना शुरू कर दें तो समझ लेना यारों मेरे
कि उसके दिए मेरे दिल पर ज़ख्म फिर से उभरने लगे हैं-
जब तुमसे नज़रें टकरायी थी मेरी
तभी खुद को तुम्हें सौंप दी थी
पर मेरा जो तुम्हारे प्रति प्रेम था
वो सिर्फ मुझ तक ही सिमट कर रह गया-
अपने कांपते होंठों पर उन लफ़्ज़ों को न ला सका
जो बयां कर दे मेरे तुम्हारे प्रति प्रेम को
पर खुद को तुझे सौंप कर बन गया
विरक्त की चाह में भटकता एक बंजारा-
जब भी उसके दिये ज़ख्म उभर आते हैं
उन्हें शब्दों में बयां करना मरहम का काम करता है-
कभी जिसके चेहरे पर हर मुस्कराहट का वजह था
आज वो गम तक में मेरा साथ नहीं देता-
झूठे सपने सजोए थे तेरे मेरे एक होने का
जो तू छोड़ कर चला गया खुद का ही मै न हो सकी-
दामन में तेरे सारी खुशियां भर दी थी मैंने
फिर तू क्यूं मेरे रोने का सबब बन गई-