विशाल केशरी   (विशाल 💔)
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छूट न जाए मेरे लिखने की आदत
तुम बेवजह ही सही दिल दुखाते रहना
🏡 बक्सर (बिहार)
Joined 3 May 2018


छूट न जाए मेरे लिखने की आदत
तुम बेवजह ही सही दिल दुखाते रहना
🏡 बक्सर (बिहार)
Joined 3 May 2018
11 AUG 2020 AT 22:04

प्रेमिका से अलग होने के बाद उसके प्रेम को न भूल पाने के लिए
व्यक्ति कलमकार बन जाता है और जिंदगी उसकी स्याही।

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जब भी मेरी रुकी कलम चलना शुरू कर दें तो समझ लेना यारों मेरे
कि उसके दिए मेरे दिल पर ज़ख्म फिर से उभरने लगे हैं

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22 MAY 2020 AT 20:01

जब तुमसे नज़रें टकरायी थी मेरी
तभी खुद को तुम्हें सौंप दी थी
पर मेरा जो तुम्हारे प्रति प्रेम था
वो सिर्फ मुझ तक ही सिमट कर रह गया

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22 MAY 2020 AT 17:22

अपने कांपते होंठों पर उन लफ़्ज़ों को न ला सका
जो बयां कर दे मेरे तुम्हारे प्रति प्रेम को
पर खुद को तुझे सौंप कर बन गया
विरक्त की चाह में भटकता एक बंजारा

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22 MAY 2020 AT 12:14

जब भी उसके दिये ज़ख्म उभर आते हैं
उन्हें शब्दों में बयां करना मरहम का काम करता है

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25 JAN 2020 AT 20:12

कभी जिसके चेहरे पर हर मुस्कराहट का वजह था
आज वो गम तक में मेरा साथ नहीं देता

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22 JAN 2020 AT 21:00

झूठे सपने सजोए थे तेरे मेरे एक होने का
जो तू छोड़ कर चला गया खुद का ही मै न हो सकी

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28 DEC 2019 AT 12:44

दामन में तेरे सारी खुशियां भर दी थी मैंने
फिर तू क्यूं मेरे रोने का सबब बन गई

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23 OCT 2019 AT 11:31

मै महादेव की भक्ति में लीन हो जाऊं
तुम मेरे प्रेम में सती हो जाना

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अच्छी खासी दोस्ती थी हमारी
इश्क़ क्या हुआ दोनों बर्बाद हो गए

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