✍️एक दिन पकड़े जाओगे 🫣
मतलब नहीं है तुमसे अब
मगर तुम ख़ुद की कहनियों में उलझे हों
जिस फ़रेब के रास्ते चुने थे तुमने
वहाँ चलकर कितने ही सुलझे हों
सब साफ़ हो जाएगा इस बार वाली बरसात में
लोगो झूठ पहचान लेंगे अब तेरी हर बात में
कितना मासूम और कितना बेचारा बन जाओगे
तुम कभी फिर किसी से रहम नहीं पाओगे
फिर तुम्हें नई कहानियां बनानी पड़ेगी
लोगों को रोते रोते सुनानी पड़ेगी
सच कहूँ तुम्हारा हर सपना करमों कि मार खायेगा
और शायद हर तरीक़ा तुम्हारा बेकार जाएगा
तनाव, पछतावा, और दुखों की बेड़ियो में जकड़े जाओगे
याद करना हाल अपना, जब अपने झूठ के साथ पकड़े जाओगे
ख़ुद को कभी चैन से सुला नहीं पाओगे
और सच को फिर कभी बुला नहीं पाओगे
सबको सीधा होना हैं ,कितने अकड़े जाओगे
याद करना हाल अपना , जब अपने झूठ के साथ पकड़े जाओगे
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