Viral Ladva   (Cracked_loud_voice)
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Joined 22 March 2018


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Joined 22 March 2018
22 MAY 2022 AT 2:02

कोई तो बताए उन्हें, कि
कितना जरूरी है लहजे के साथ साथ अदब से पेश आना💛

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5 APR 2020 AT 19:30

तुम्हारे लबों के जाम पीने का अंजाम तुम क्या जानो,
जरा उनसे पुछो जो इन्हें पीकर मदहोश हुए बैठा है।

तुम्हारी इन हसीन निग़ाहों का कातिलाना अंदाज़ तुम क्या जानो,
जरा उनसे पूछो जो इन नज़रों से घायल हुआ बैठा है।

तुम्हारे जिस्म की हसीन अदाओं को तुम क्या जानो,
पुछो उस बेहके हुए आशिक़ से जो रोज़ इसकी नुमाइश को तड़पता है।

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23 MAY 2019 AT 1:36

She asked him for water,
He took her to the shower!!

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24 JAN 2019 AT 2:16

खूबसूरत सी एक लड़की।
(Read in Caption)

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12 JAN 2019 AT 3:16

उनकी झूठी कहानी का एक किरदार,
कमबख्त इतना सच्चा निकला की,
पूरी कहानी को ही सच कर गया।

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28 OCT 2018 AT 22:57

हमारी खुशियों की कहानी कुछ यूं होती है,
की बोतल एक खुलती है और नशीली पूरी शाम होती है,
दोस्तों के नाम जाम बनाते बनाते बोतल ख़तम होती है,
और फिर जा कर कहीं शाम से रात होती है,
एक नया किस्सा एक नई कहानी हर बार ही बनती है,
सवेरे उठकर नजाने रात की बातों पर हसीॅं बहुत आती है,
कुछ सपनों को अपना करने की ख्वाहिशें होती है,
तो कहीं खुद को ही सपने में महसूस करने की बारी आती है,
रात को नशा तो सुबह के सिर दर्द के साथ जाते ही जाता है,
पर सच्चा नशा तो वो खुशी का होता है तो जीवन भर साथ देता है।

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28 OCT 2018 AT 18:47

उनकी आदतों को इस कदर बयां करते है ये लोग,
अगर रंगीन हो उनका मिजाज़ तवायफ बना देते है ये लोग।

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26 OCT 2018 AT 19:42

In the world of fake promises
"I will never leave you"
Turned out to be best promise for her!!

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2 OCT 2018 AT 1:39


बहुत दिनों बाद आज कलम उठाई है,
हाथों में मानो एक नई सी जान आ गई है,
हर सोच को तसवीर में तब्दील करने की कोशिश हो रही है,
हर आवाज़ के पीछे गहरा मतलब निकाला जा रहा है,
मगर फिर अचानक से सन्नाटा छा जाता है,
की कलम मेरी और देख कर कुछ कह रही है,
स्याही इन पन्नों पर ढलने को तैयार है,
मगर कुछ अल्फ़ाज़ है जो रूठ कर बैठे है,
मानो सब कुछ यही पर थम सा गया है,
और हाथों में कलम लिए हम डूब से गए है,
गोता लगा रहे है शब्द-समंदर में कुछ मोती ढूंढ रहे है,
धीरे धीरे कलम-वायु ख़तम हो रही है,
ये रात भी अब ज्यादा ख़ामोश हो रही है,
कोई कह दो उन अल्फाजो से जरा की ये रात हमारी है,
इस के आगे तुम्हारी एक न चलनी है,
चाहे कितना भी रूठे रहो, आज हमे एक कविता जरूर लिखनी है।

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1 OCT 2018 AT 21:01

सब को साथ रखने की बहुत कोशिश की है,
मगर हर कोई अपने आप में व्यस्त है,
आखिर कब तक हम बेवजह दूसरो के होते रहे,
अब तो ये जिंदगी बस खुद के लिए जीते है।

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