Viral Desai   (Viral)
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Joined 22 June 2017


Joined 22 June 2017
30 SEP 2020 AT 18:07

લાખ જણ લખતા ગઝલ જીવી ને લખતા કેટલા
આપણી પાસે ફક્ત ઇર્શાદનું દ્રષ્ટાંત છે

Chinu Modi ❤️

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15 OCT 2018 AT 12:20

नज़्म :- मेरी बेटी से कह देना

बडी होगी तो पुछेंगी
यहा पर है मगर फिर भी नहीं है वो
ऐसे तो नहीं है दुसरे के डेडी है जो
ये सुन कर मत सुलगना तुम
ना, उस से मत उलझना तुम
उसे मत समझाना मेरी हालत तुम
नहीं करना कोई मेरी वकालत तुम
उसे सच क्यां बताओगी ?
उसे कुछ समझा ना पाओगी
बहोत सीधा सा रस्ता दुँ ?
तो युँ करना
मेरी ग़ज़लें जला देना मेरी नज़्में जला देना
मेरी बेटी से कह देना तुम्हारा बाप पागल था

विरल देसाई

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6 AUG 2018 AT 14:21



हँसी हँसी में हर इक ग़म छुपाने आते हैं
हसीन शेर हमें भी सुनाने आते हैं

रईस सिद्दीक़ी

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17 JUL 2018 AT 15:16

बहुत बुरा किया के तुम को याद किया
ज़ख़्म हरा किया के तुम को याद किया

चांद सड़क घर कमरा दिवारे तस्वीर-
से डरा किया के तुम को याद किया

विरल देसाई

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13 JUL 2018 AT 9:08

वो लड़की मुझ पे मरती है?
क्यां ईतना अच्छा लगता हूं ?

विरल देसाई

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12 JUL 2018 AT 19:03

ग़ज़ल

ये दुनिया तो हमें कब से सताने मे लगी है
वो लड़की है हमे सब से बचाने में लगी है

ये तुम्हे मिलने की जिद्द पर दिल अडा है
उदासी रात से उसको मनाने मे लगी है

अभी मे तो कई ज़िस्मो से रीश्ता रख रहा हूं
हमे कितनी हवस तुमको भुलाने मे लगी है

दिये की उम्र हम से पुछ है कैसे गुजारी
जलाने में लगी कुछ कुछ बुझाने मे लगी है

तेरे शौहर को लिख कर ख़त बताया था की देखो
मेरे खुन की बूंदे उस ख़ज़ाने में लगी है

सदाऐ थी वो मेरे शेर बन चुकी है विरल
सदाऐ जो सभी उसको बुलाने मे लगी है

विरल देसाई

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27 JUN 2017 AT 19:42

વરસો પછી જ્યાં એ મળ્યા
સોરી કહી ભેટી પડ્યા

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22 JUN 2017 AT 13:17

टुट करभी फीतरत जाती नहीं हैं
हो शके तो मुझको तु आईना कर

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