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Vipul Bishwas
($~विपुल विश्वास~$)
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Joined 23 January 2019
6 DEC 2021 AT 18:53
ठिठुरती सब्र लिए बैठे है,
किसी डाल पर,, कई रातों से..
अबकी तुम धुंधली कुहासों का,,
मसला मत उठा देना...
आज की रात,,
चकोर की आंखे चांद ले उड़ेंगी..
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7 MAY 2021 AT 12:14
बोतल खोलूं ,, शराब ना पियुं...
मयखाने की महफ़िल में,
मुझे कायर मत समझना..
पुरानी कलम... नए जख्म..
बड़ा गहरा मसला है..
कुछ कमाल कह दूं,,
मुझे शायर मत समझना..
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6 MAY 2021 AT 23:57
फजीहत अपनी करा, जरुर सकता हूं..
बिछडने की तेरी वजह... सरेआम नहीं करूंगा।
बेकसूरी अपनी लिख, जरूर सकता हूं..
लफ़्ज़ों से तेरी गुनाह... बदनाम नहीं करुंगा।
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