Viplav Singh   (viplavwrites)
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Joined 1 January 2017


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Joined 1 January 2017
28 MAR 2017 AT 14:37

अपने घरों में क़ैद हो जाते हैं लोग,
क्योंकि पिंजरों को घर बना लेते हैं,

आँधियों के डर से चिराग खुद बुझा देते हैं।

कहता नहीं मैं कि लड़ो तुम खुद से,
लेकिन उनका क्या जो किस्मत के खिलाफ हथियार उठा लेते हैं?

लड़ते हैं, शायद हारते भी हैं,
लेकिन एक आखरी कोशिश की हिम्मत तो जुटा लेते हैं।
© viplavwrites

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26 MAR 2017 AT 14:01

सुनो, कुछ बात करनी है,
कहना कुछ नहीं, बस तुमको सुनते हुए सुबह से शाम करनी है।
सुनो, कुछ बात करनी है।
कहती क्यों नहीं तुम कुछ? कितनी अधूरी बातें हैं जो अभी साफ़ करनी हैं,
सुनो, कुछ बात करनी है।
डरती क्यों हो तुम कि समझूँगा नहीं मैं?
क्यों मुझसे दूर भागना?
क्यों जब महफ़िल में मैं आऊँ तो तुम्हारा वहां से चले जाना?
जिसका कारण मैं और तबियत एक बहाना।
शायद गलती मेरी है,
लेकिन अभी कितनी और गलतियाँ मेरी तुम्हें माफ़ करनी हैं,
सुनो, कुछ बात करनी है।
तुम्हारी चुप्पियों से लड़ कर, एक मुलाक़ात करनी है,
वक़्त रहते कह दो, वरना मेरी तस्वीर हाथ में लेकर सोचोगे,
काश! कह दिया होता कभी उससे कि,
"सुनो, कुछ बात करनी है।"
© viplavwrites

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2 JAN 2017 AT 12:32

You unchained my demons and ignited fires that put a thousand suns to shame. And now that you're gone, all that's left is a bunch of freaks with burning torches in hand, ready to light me up. And the saddest part is, this isn't a cry for help...

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1 JAN 2017 AT 20:18

"Engineering is best for you!"
"Besides, God resides in the wishes of your parents," he was told.

The writer in him is now an atheist.

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17 MAY 2020 AT 12:46

मुझे घर जाना है

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20 JUL 2019 AT 11:33

घर की ट्रेन

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25 JUN 2019 AT 18:20

Heer

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7 JUN 2019 AT 21:48

ज़िंदगी में कुछ यूं आराम हो जाये,
बटन सरीखा हो दिल,
बस दबाएं और तुझे भूलना आसान हो जाये।

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12 APR 2019 AT 20:34

A Trial By Combat

| Diary of Tyrion Lannister |

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9 APR 2019 AT 20:23

This is Arya of House Stark and I'm writing to you...

|Open Letter|

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