क्यूं चलते चलते रुक गए वीरान रास्तो
तन्हां हूं आज मैं जरा घर तक तो साथ दो....-
वतन की उलफ़त !!
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी...🇮🇳
आंधियों का इतनी मर्तबा आना कोई इत्तेफाक नहीं,
बस यूं समझ लेना मेरी कश्ती इम्तेहान के काबिल रही होगी ।-
मां के आंचल में छुप जाने वाली खुशी आज भी याद है
पापा के आने पर दौड़ के गले लग जाना आज भी याद है
बचपन के वो खेल खिलौने आज भी याद है
बारिश में भीग के कागजों की कश्तियां बहाना बेशक याद है
सब कुछ याद है मगर आज सिर्फ याद और सिर्फ याद है-
की हजारों साल जगा हूं सोना चहता हूं अब
तुम्हें मिल के मैं ये पलकें भिगोना चहता हूं अब
बहुत ढूंढ़ा है तुझ को खुद में इतना थक गया हूं मैं
की खुद को सौंपकर तुझ को खोना चहता हूं मैं-
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है दर्द की गाहक है चश्म-ए-नाज़ उस की
सो हम भी उस की गली से गुज़र के देखते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं
सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है
कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं
रुके तो गर्दिशें उस का तवाफ़ करती हैं
चले तो उस को ज़माने ठहर के देखते हैं
अब उस के शहर में ठहरें कि कूच कर जाएँ
'फ़राज़' आओ सितारे सफ़र के देखते हैं-
अकेले आए थे और अकेले चले भी जायेंगे हां कुछ झूठे लोग मिले थे जो कहते थे हमेंशा साथ रहेंगे हम
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उनके हुस्न की तारीफ़ क्या करूं मैं
कहीं नज़र ना लगे
देखता हूं चोरी से उसे इस नज़र से की उसे ख़बर ना लगे-
on the road to success
Sunshine will always work
if there was shade
When would you have slept...!!-
बिछड़ गए तो ये दिल उम्रभर लगेगा नहीं ,
लागेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं ....!-
कभी कभी खामोशी में भी हालात बयां होते है ,
हर खामोशी का मतलब कमजोरियां नहीं होती ,
कुछ खामोशियां रिश्तों के मान रखने कि वजह भी होती है ,
क्योंकि जुबान और तेवर तो हर किसी के पास है ,
जो मान रख ले वो ही ईमानदार है ।-