आज शाम रोने को दिल चाहता है,
सुकून से कहीं सोने को दिल चाहता है।
खुलकर हंसना अब भूल रहे हैं हम,
अकेले में दिल खोलकर रोने को दिल चाहता है।
काम को खत्म करने पर आगे काम ही दिख रहा है।
काम के साथ अब सोने को दिल चाहता है।
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जीवन की लय
जीवन है एक अनथक यात्रा,
संघर्ष में छुपी है सैर सपाटा।
मेहनत से रास्ते बनते,
मंजिल की ओर कदम चलते।
सफलता चमके सूरज-सी,
असफलता आए छाया-सी।
घबराना नहीं, मन को थाम,
हर ठोकर में छुपा है नाम।
थकान जब पलकों पर छाए,
सुकून का आलम दिल को भाए।
जीवन है ये अनमोल गीत,
हर धुन में बस्ता है जीत।-
जीवन एक ऐसा यूनिवर्सिटी है जहां हम वर्षों तक अध्ययन करते है और जब यूनिवर्सिटी से विदा लेने का समय आता है तो हमारे दिमाग से ज्ञान का सभी स्मरण मिटा दी जाती है और कागज की सभी डिग्रियां वापस ले ली जाती है। हम यूनिवर्सिटी से विदा लेते समय वैसे ही होते है जैसे यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने आए थे।
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आदमी रोते हुये जन्म लेता है
और बेसुध होकर मरता है।
यानी शोर(रोना) से मौन(बेसुध)
तक का सफर ही जीवन है।-
कुछ करना है हमें, पर
शुरुआत कब और कैसे करे?
कुछ समझ नहीं आ रहा।
योजना रोज बना रहा हूँ, पर
दिन कैसे निकल जाता है
कुछ पता नहीं चलता।
रात को बिस्तर पर
सोचता हूँ, आज का दिन भी
निकल गया।
हर दिन की तरह कल का
बनाया हुआ योजना भी विफल रहा।
पर नए विश्वाश के साथ
फिर योजना बनाते है
ऐसे ही कर-कर के
दिन-सप्ताह-महीने और
अब साल भी निकलने वाला है
एक ही कार्य रोज कर पाता हूँ
कल के लिए योजनाएं रोज बनाता हूँ।
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खुद से किये गये वादे
जब खुद पूरा न कर पाये
तो चेहरे पर जो भाव दिखे
वो उदासी होती है।-