आधा ख़्वाब आधा इश्क़ आधी सी है बंदगी
मेरे हो पर मेरे नहीं कैसी है ये ज़िंदगी. @copy-
Meri zindagi me jo bhi hoga late hoga
But..... latest hoga
आधा ख़्वाब आधा इश्क़ आधी सी है बंदगी
मेरे हो पर मेरे नहीं कैसी है ये ज़िंदगी. @copy-
"देख लिया हर अंदाज निभाते निभाते
किसी ने भी साथ नहीं दिया रास्ते में हमारे" @2-
अगर तुम मेरे साथ होगी तो क्या कहेगा ये ज़माना.
मेरी यही एक तमन्ना
और तेरा यही बहाना-
हर किसी के नसीब में कहां होती है चाहतें
कुछ लोग दुनिया में आते हैं तन्हाइयों के लिए-
तुझे महसूस करना ही तो इश्क़ है
छूकर तो मैंने ख़ुदा को भी नही देखा है-
कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं
बस यूं लोग एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं-
तुम मोहब्बत में एक शाम देखते हो
कई बार नफ़ा नुक़सान देखते हो
ये सितारा है तेरे दामन कि गिरफ़्त में फिर क्यों
हसरत से आसमान देखते है-