कितने खुशनसीब होंगे वो लड़के..........
जिनके नाराज होने पर भी मनाया जाता होगा!-
एक दिन मिट्टी में मिल जाऊँगा!
जतेक प्रेम तिरंगा'क लेल अछि
ओतबै प्रेम बेटी सभसँ करी
भारत'क सँग माए शब्द लागल अछि
ताहि लेल बेटी'क सम्मान देसक मान
#स्वतंत्रता_दिवस
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अंधेरों और उजालों का इत्र बताया उसने,
कौन अपना कौन पराया प्रेम से समझाया उसने!
Vipin Jha-
जानती हो प्रेम में तुम्हें चूमना कितना पवित्र है
हमारे प्रेम की सुगंध मिट्टी की खुशबू जैसी है
बादल जब चूमना चाहती है
धरती रूपी प्रेमिका को
तब बरस पड़ती है उसके आँचल में
चूल्हे पर चढ़ा चावल को चूमती है पानी
जिसके खुशबू से भरते हैं हम अपना पेट
सबसे पवित्र माँ का चुम्बन होता है
जिसकी खुशबू के साथ
बच्चे काटते हैं अपना जीवन
ठीक उतना ही पवित्र चुम्बन
जीवनसाथी का होता है
जो उसको बोध करवाता है
एक दोस्त, साथी, भाई, बहन और पति का
इसलिए प्रेम में दिया गया चुम्बन
दुनिया के हर परिस्थिति से लड़ना सिखलाता है!
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मैं अगर चला जाऊँ इस जहाँ से
तुम मेरे प्रेम में लिखना वो बातें
जो हमने आजतक अधूरे छोड़े
मंदिर नदी और पहाड़ों पर!
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इब्रत करती है मुझे फिर उदास हो जाती है,
इबादत करता हूँ मैं वो पूरा आकाश हो जाती है!-
हाँ बताया था उसको पहली मोहब्बत हो तुम
उसकी पहली मोहब्बत अधूरी थी बताया उसने
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जटा मे जिनकर गंगा विराजे
चान मुकुट बनि शोभा बढ़ाबै
गला मे विषधर जाहि सुर'क
विदेह मे ओ उगना कहाबै!-
बहू को इन दीवारों के अंदर मत जकड़-रखना
माँ बेटे को अपना बीता हुआ कल बता रही है
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चारु दिस पसरल मैया'क रंग अछि
अहि विकट परिस्थिति मे मैया'क सँग अछि
मनुक्ख आर देव खूब प्रसन्न अछि
किएकी आजु'क दिन लंकापति'क दहन अछि
:~ Vipin Jha
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