तुम अपने ज़ख्मों को भरते क्यों नहीं..?
जिया नहीं जाता ऐसे अगर
तो फिर तुम मरते क्यों नहीं...?
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Vipin Gupta
(Vipin_k_words)
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University of Allahabad
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Joined 9 April 2019
15 APR AT 23:58
18 FEB AT 20:35
दुनिया से क्या नाराजगी,
खुद से अभी रूठना बाकी है।
बिखर गए हैं कब के मगर ,
और कितना मेरा टूटना बाकी है।
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16 FEB AT 2:07
मैं आँखो की त्रिशा तर के देखता ,
सांसे रुक जाती तो मर के देखता ,
मेरे बस में नहीं हैं raadhhey,
वरना तुमको इन आँखो में भर के देखता...
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15 FEB AT 16:51
अचानक से मिली हुईं खुशियां,
हमें जज्बाती कर देती हैं और
हम कुछ ऐसे फैसले ले लेते हैं
जो जिंदगी भर नासूर बनके तकलीफ देते हैं।
Pic -मरीन ड्राइव
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15 FEB AT 12:29
10 FEB AT 11:12
इश्क़ समझने की चीज नहीं हैं,
करने की है ।
आप समझ गए तो इससे दूर भागेंगे....
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2 FEB AT 21:34
Mai tumhari pyar bhari meethi si baatein sunta,
Aur tum meri sari bakwas sunti ..
Hath me hath liye ek sham kahi gujarti,
Main chahta hu ki hamari mahine me
2 khoobsurat mulakat hoti....
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