#chhotasahar
छोटे शहरो के लोग,
सपने बड़े संजोते है।
धुंधली सी इन आंखों को,
पसीने से ये भींगोते है।
ख्वाबों की इस उलझन को,
सांसों में ये पिरोते है।
अधूरा सा इश्क ख्वाबों का,
अपने संग ये, ता उम्र ढोते है।-
वरना हमारी शब्दों से बनती है कहा।
#uljhan
आंखों की उलझन,
जुल्फों में उतर गई।
उस पल में,
ये कायनाथ पिघल गई।
लब रहें चलते,
पर, बाते बिखर गई।
हम देखते रहे,
वो, हस कर गुजर गई।-
# Dosti
दिन गुजारा, उम्र बढ़ी,
सपनो के सहर, सवारी चली।
कदम बढ़े, मंजिल की गली,
ना हम बदले, नाही वो घड़ी।
जो मुड़ के देखा, ऐ दोस्तों,
दूर खड़ी, अपनी यारी मिली।-
#Karwate
रफ्तार भरी जिंदगी, खूब करवट बदल रही है।
वक्त की चादर, हाथो से फिसल रही है।
ये ख्वाबों की पतवार, छोटी सी पड़ रही है।
अपनो की कीमत पे, जिंदगी ख्वाब नये बुन रही है।-
# kal
बेहतर कल की तलाश में,
हम, आज कही खो जाते है।
जिंदगी के इस सफर में,
हम, अपनी राह बनाते है।
हरपल बदलती दुनिया में,
बेगानों संग, रंग जाते है।-
#Karj
कर्ज मोहब्बत का,
और खुशियां ब्याज में थी।
सौदा क्या करते मोहब्बत का,
उनकी तो मुस्कान भी उधार की थी।-
#Dwip
गैरों सा, मैं अपनो के बीच हुं।
सागर में ठहरा, एक द्वीप हु।
लहरों से, बहुत नजदीक हु।
पर किनारों के, तो विपरीत हुं।-
#byankardijiye
धुंधला सा इश्क आंखो का,
अंशुओ से रिहा कर दीजिए।
लफ्ज़ जो होंठो पे आ रुके है,
सांसों से उन्हें बयान कर दीजिए।-