दिखेगी हरियाली आगे भी पर पेंट से पुती हुई
ये पेड़ ये पौधे ये पहाड़ ये घांस सब सीमेंट हो जायेंगे
VKM-
सही तू भी है,सही मैं भी हूँ
एक नज़रिया तेरा भी,एक नज़रिया मेरा भी।
by VK Mishra
दिखेगी हरियाली आगे भी पर पेंट से पुती हुई
ये पेड़ ये पौधे ये पहाड़ ये घांस सब सीमेंट हो जायेंगे
VKM-
झुलस रहा था शरीर भीषण गर्मी से
बूंदे मरहम लगाने आयी तो किसी ने छतरी, किसी ने रेन कोट निकल लिया
VKM-
थोड़ी दूरियां बनाये रखिये
नज़दीक आने की गुंजाईश हमेशा बनी रहे
VKM-
नज़रों से ही पिलाओ, हाथ न लगाओ
पानी बन गयी शराब, शराब ज़हर न बन जाए
VKM-
न जाने किस बात का जवाब देने, तुम आज आये हो
भूल चुका हूँ मैं, अब अपने सवाल सारे
VKM-
कभी कभी मै खुद से ही कर लेता हूँ धोखा
कभी कभी मै......तुझे भी याद कर लेता हूँ
VKM-
तुम्हे मनाना तो फिर भी आसान था
अब खुद को मनाना मुश्किल हो रहा है
VKM-