हर ख्वाबों कुचला...
हर ख्वाईश को तबाह किया
माना कि कई गुन्हा किये थे हमने
मग़र...
तुम ने भी तो... जुल्म कम ना किया....-
हर दिल में बसे "काश" में हूँ
.. from Pune....23april..
पढ़ लेना, अग... read more
जब...तुम्हारा होता हूँ ना....
तब....किसी और का, नहीं ह होता हूंँ, मैं...
खौफ़ इस बात का भी है
की तू अपना ना ले मुझे...
और डर इस बात का भी
की, तेरा हुए बग़ैर ना मर जाऊ.....मैं..-
बडे सलीके से रखता हूँ हर बात अपनी
का मतलब ये तो नही की मुझे दर्द नही होता-
तुझे चाहने की कोई एक वजह नहीं हैं...
मेरे पास
बेवजह..... तु मेरी हर सांस में समायी हैं
-
हर शाख गुरूर में रहने लगी
तो सब्र जड़ों का छुटने लगा
हर दीवार गुमाँ करने लगी
तो एक आशियाँ टूटने लगा-
कितने काश हैं जिंदगी में
कितनी प्यास हैं जिंदगी में
अंधेरा हररोज,
तोड़ने आता हैं, हौसला मेरा...
एक तेरी याद,
मुझे समेटे रखती हैं
कितनी आस हैं जिंदगी में...-
तेरे इंतज़ार में हूँ...
ये दिन रात
सुबह - शाम
महीने -साल
और शायद
जिंदगी मौत से परे...
बेवजह...
बेहिसाब
बेमतलब
बेपनाह
बस.....तेरे प्यार में हूँ..
तेरे इंतज़ार में हूँ...-
यूँही छोड़ देता हूँ काफीं सारी बातों को
ये सोचकर की...
की गर छुट रही है.... तो अपनी कभी नही थी-
दिनभर नकाब पोश रहें
कहतें फिरें......हमने जिंदगी सवार दी
फ़िर हथेली पर चाँद लिये
आहें भरे......हमने सारी रात गुजार दी-