ना शहर की खबरना ठिकाने कीअजीब ज़िद कर बैठा है दिलउन्हें पाने की -
ना शहर की खबरना ठिकाने कीअजीब ज़िद कर बैठा है दिलउन्हें पाने की
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उसके दर्द से उबर भी नहीं पाताउम्मीद में उसके आने कीमर भी नहीं पाता -
उसके दर्द से उबर भी नहीं पाताउम्मीद में उसके आने कीमर भी नहीं पाता
उम्र भर जिया होतागर मुहब्बत जिस्म से किया होता -
उम्र भर जिया होतागर मुहब्बत जिस्म से किया होता
दर्देदिल से आराम होगागर मुहब्बत के सिवा कुछ काम होगा -
दर्देदिल से आराम होगागर मुहब्बत के सिवा कुछ काम होगा
हर घड़ी कोशिश मे हूं भुल जाने कीमगर ओ ज़िद पे अड़ा हैयाद आने की -
हर घड़ी कोशिश मे हूं भुल जाने कीमगर ओ ज़िद पे अड़ा हैयाद आने की
कोई सूध ना रहती किधर जाता हूंहर ओर वो रहता जिधर जाता हूं -
कोई सूध ना रहती किधर जाता हूंहर ओर वो रहता जिधर जाता हूं
भीतर से टूट कर बिखर जाते हैं लोगयूं हीं थोड़ी मुहब्बत में मर जाते हैं लोग -
भीतर से टूट कर बिखर जाते हैं लोगयूं हीं थोड़ी मुहब्बत में मर जाते हैं लोग
बहुत कारनामे होते हैं ज़माने में लोग अपना भूल जाते हैं दूसरों की दिखाने में -
बहुत कारनामे होते हैं ज़माने में लोग अपना भूल जाते हैं दूसरों की दिखाने में
इतना खौफ हैतुम्हें ज़मानें कातो वादा क्यूं करते हो वादा निभाने का -
इतना खौफ हैतुम्हें ज़मानें कातो वादा क्यूं करते हो वादा निभाने का
हर घड़ी हर रोज लग रही है अब जिंदगी साली बोझ लग रही है -
हर घड़ी हर रोज लग रही है अब जिंदगी साली बोझ लग रही है