उदासी रास्ता ढूँढ रही
ख़तम हो रहा कुछ धीरे धीरे
कही दूर एक धीमी
आवाज धड़कन पे धक्के दे कर
कहती है तेरा धुप तेरी रात और तू
बद दस्तुर नहीं ।।-
सुन कर किरदार, कहानी लिखा हम दोनों ने
हालांकि कहानी में किरदार कोई नहीं-
Constant energy ain't no hyper
Couldn't resist even when
It's not my own higher
Loss vehicle? I asked
Naah, I heard
& I heard it right
They said it calmly
It's only a pause cycle-
The existence of books and pages
misses out
Lost but
live somewhere
and then same as winter comes out
We quilt sweaters
after a gap of time
old books also came in
Front,
in sight
in the table
in front of the dark
And the words that ran in mind
Didn't even get down in other notes
pours in the same books
scattered in the pages
who were not lost
had just left somewhere,-
किताबे और पन्नों के अपने अस्तित्व
छूट जाते है
गुमते नहीं
कहीं रह जाते है
और फिर जैसे जाड़े में निकल आती है
रजाई स्वेटर
वैसी ही
एक समय के अंतराल के बाद
पुरानी किताबे भी आते है
सामने,
नजर में
टेबल में
स्याह के सामने
और जहन में मचलते शब्द जो
मचल कर भी नहीं उतरे दूसरी किताबो में
वो उड़ेलते है उन्हीं किताबो में
बिखरते है पन्नों में
जो गुम नहीं हुए थे
बस छूट गए थे कहीं,-
30% युवा इसलिए बेरोजगार है
क्यों की उन्हे अपनी डिग्री से उम्मीद है
30% युवा इसलिए बेरोजगार है
क्यों की उन्हे अफसर पद की नौकरी चाहिए
वे अन्य काम को छोटा समझते है
30% युवा काम ही नहीं करना चाहते उन्हे शिकायते
करना पसंद है
10% युवा प्राइवेट जॉब्स में लगे हुए है
काम कर रहे है, पैसे कमा रहे है,व्यस्त है,या व्यापार बनाने में लगे है.
-
पसीचते है वक़्त बेवक्त
ये नाशुर ज़ख्म
वकालत होती है बहुत
कैसे होंगे ये खत्म-