Vinita Raghav   (Vini)
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You'll know once you start reading my writings 🤓🤓
Joined 9 February 2017


You'll know once you start reading my writings 🤓🤓
Joined 9 February 2017
22 MAY 2023 AT 0:14

लफ़्ज़ों के पार
कही कोई किस्सा होगा
वक़्त की रफ्तार है
हर शजर बहरा है
कुछ तो दरक रहा है जो
खामोशी की चादर ओढ़े है
दर्द और खामोशी का
रिश्ता बड़ा गहरा है

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30 AUG 2022 AT 19:08

ODYSSEY OF LOVE

Oh what a surge
Of happiness
Some people bring
With them !!
Unstoppable yet
Gentle rains drenching
A parched heart
And you begin liking
And waiting for
The outpour more often.....












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27 AUG 2022 AT 18:21

A LITTLE LOVE STORY

Books, music and dreams
All love soaked and
Emitting Love stories,
Real life shouting
it's lungs out to declare
Love a trap.
Heart sank, Soul wilted and mind gasped
trying to figure out,
Gradually one learns to
Live like a robot
Expecting nothing and feeling
Nothing at all.
AND THEN
LOVE PERSONIFIED, WALKS IN.



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3 AUG 2022 AT 22:35



इतना खाली है दिल मेरा
जितना झूठ छिपा हर नये बहाने मे
इतना खाली है दिल मेरा
जितना तेरा ज़िक्र है मेरे हर अफसाने में

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28 JUL 2022 AT 20:10

जो है भी और नही भी
उसको कहाँ से ढूँढ लाऊं में
अजब ज़िद है पागल मन की
कैसे इसको समझाऊँ मैं

Conti....



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28 JUL 2022 AT 19:32

शिव से जीवन
शिव से मुक्ति
शिव की महिमा
शिव की शक्ति

शिव की भक्ति
शिव की सृष्टि
मेरी मंज़िल
शिव की दृष्टि

शिव को ध्याउँ
शिव को पाऊँ
शिव में खोकर
शिवमय हो जाऊँ

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18 JUL 2022 AT 18:12



जी लेने दो, इस सपने में
जो चुपचाप सा मन में पलता है
और हर बात पर जीता मरता है


ये पल हो न हो सपना मेरा अपना है
यादों में भी मेरा ही होगा
डायरी में रखे महकते गुलाब सा


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18 JUL 2022 AT 18:02




Every single moment takes a toll Time doesn't move past.





Leaving us gasping for more
Time flies fast.

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18 JUL 2022 AT 17:57

मृग तृष्णा— % &एक वादा जो कभी किया भी नही
पर निभाने का दिल करे
एक रास्ता जो कभी चुना भी नही
पर मंज़िल पाने का दिल करे
एक रिश्ता जो कभी बना भी नही
पर आजमाने का दिल करे
क्या नाम दें उस जज़्बे को
जो न होकर भी हो और
न मानकर भी मनाने का दिल करे

एक बादल जो कभी बरसा ही नही
पर भीग जाने का दिल करे
एक बसंत जो कभी आया ही नही
पर खिल जाने का दिल करे
एक झोंका महकता जो बहा ही नही
पर आँचल लहराने का दिल करे
क्या करे उन लम्हों का
जो कभी आये भी नही
पर कभी न भुलाने का दिल करे

जीवन की इस चौसर में
कितना पाया कितना खोया
लगभग उतना सबने पाया
जितना किस्मत ने था बोया
कौन कितना साथ चला और
कौन कहाँ कब था खोया
खुद से ज़्यादा कौन है अपना
इस मतलब खोर ज़माने में
फिर भी किसी बेगाने से
अपनेपन की उम्मीद ये दिल करे

— % &

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25 MAY 2022 AT 11:33

When you want to take the risk but your sane self
says "beware " "What if"
and you still manage to chill and live in the moment
that's when you learn living , actually living:
certain of uncertainty yet happy to be there

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