Vinita Kadam Kadam   (Vini)
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..teacher.....poet....writer
Joined 8 September 2019


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Joined 8 September 2019
12 DEC 2021 AT 9:13

मानवतावादी विचारांचे रोप

लावूनी महामानव जन्मला

भारताला संविधान देऊन

घटनेचा शिल्पकार बनला

🙏🙏🙏

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3 NOV 2021 AT 18:57

दिवे लागले चोहिकडे

झाला सर्वत्र लखलखाट

विजयाचा प्रकाश पसरे

तेजस्वी ज्योतीचा झगमगाट

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3 NOV 2021 AT 18:54

भंगलेले स्वप्न तुझे
नेई आता पूर्णत्वास
वाट ही पायाखालची
साद देई अस्तित्वास

हरवलेल्या पांथस्थाची
नसे खंत कुणालाही
करुनिया धडपड
राहा चालत असाही

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25 FEB 2021 AT 11:05

धागा धागा विणताना

नाळ जोडी कर्तृत्वाची

आत्मविश्वासाची शृंखला

करी पूर्तता स्वप्नांची

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20 FEB 2021 AT 17:24

पारख

एक कुसूम अग्रज
सरस्वती मंदिरात
पारखले जीवनाने
मोल त्यांचे साहित्यात

विनिता..🙏

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16 NOV 2020 AT 9:20

" भाईदुज " किसी दिन का नही मौताज

एक ही कोख से जन्म लेनेवाला हर भाई

अपने बहनों के लिये होता हैं

" सर का ताज " ....

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16 NOV 2020 AT 9:13




आली सोनेरी पहाट
संगे दीप दीपवाळी
नवलाई विचारांची
असे नवीन नव्हाळी

दिन आज मांगल्याचा
आठवण भाऊराया
होई कासावीस जीव
येई औक्षण कराया

आज भाऊबीज दिन
बंध रेशमाचे जाण
लाभो चिरायुष्य त्यास
हेच देवाशी मागणं

भाऊ येई माझ्या घरा
तोचि दिवाळी दसरा
वाटे आले सुख दारी
माझ्या माहेरचा वारा

भाऊ बहीण प्रेमाचा
आज सोनियाचा दिन
राहो सूखे दूर देशी
घट्ट नात्याची ही वीण

लाख मोलाचा गं भाऊ
वेड्या बहिणीची माया
प्रेम राहो निरंतर
ओवाळीते भाऊराया

विनिता


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16 SEP 2020 AT 0:05

बदली हैं अब देखो लोगो
लोकतंत्र की परिभाषा
बदला हैं उनका रहनसहन
मिटा दी सबकी प्रेम की भाषा..

लोकतंत्र है आम जनता का
मगर इसमें उनका कोई पक्ष नहीं
देश का शोषण करनेवाले
अपनी ही बात मनवाते यहीं..

जिसकी लाठी उसकी भैंस
कहां का है यह लोकतंत्र
चल रहा हैं नारा यहीं
यारों ! यह तो है पुरा ठोकतंत्र

विनी....


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12 SEP 2020 AT 8:55

कहानी मुख्तसर ही सहीं

हमारी जिंदगी की

मगर बना दिया अफसाना

भलाई हो उस मौत की

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11 SEP 2020 AT 15:40

लोग परवाने हो जाते हैं |
तुम्हारे खुशबू से अक्सर
दीदार-ए-इश्क हो जाता हैं |
तुम्हारा होठों को छुने से
मन युं घायल हो जाता हैं |
तुम्हारे मुहब्बत का नशा
महफिले रंग जमा देता हैं |
तुमसे इश्क फर्मानेवाला
सरेआम तुम्हें बेचता हैं |
जिसने तुम्हें चख लिया; उस
एहसास को याद रखता हैं |
हाय रे ! मेरी पानीपुरी ! तुम्हारे
इश्क में इन्सान निकम्मा होता हैं |

विनी......

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