Vinita Agarwal   (avita)
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✒️ Doctorate in Hindi Literature 👩‍🎓
✒️ Homemaker
Joined 15 January 2020


✒️ Doctorate in Hindi Literature 👩‍🎓
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Joined 15 January 2020
7 JUL AT 22:06

फिर सावन आया,क्यूं ना कश्ती कागज की एक बनाएं,
दिन पुराने बचपन के ताजा कर,पानी में इसे चलाएं।
बरसें जब बादल और यह धरती महके गीली मिट्टी से,
शुष्क हुए अपने हृदय को, मीठी यादों से भिगोएं।

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13 JUN AT 21:08

लौट कर आएं सब घर को, ऐसा सफ़र हो,
अंतिम ना बन पाए सफ़र, ऐसा सफ़र हो।
अश्कों को बहाने से,जख्म भरते नहीं किसी के,
इसलिए पल में न उजड़े जहान,ऐसा सफ़र हो।

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31 MAY AT 22:45

मेरे हृदय के जज़्बातों का बस तुझको एहसास है
धड़कने अपनी महसूस करने को यह ख्याल मेरे पास है

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29 MAY AT 13:46

जिसे तुम चाहो,उसे न पाकर भी सुकून है
दिल में उसके यदि,बिन तुम्हारे भी चैन है

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20 MAY AT 19:12

क्या करेंगे उस अंजुमन में हम जाकर बार-बार
तेरी बेरुखी का जिक्र जहां होता नहीं बार-बार
दिखाई देता है तन्हाई का अंधेरा ही केवल वहां
क्यूंकि आशनाई का चिराग जलता नहीं बार-बार

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15 MAY AT 15:42

काश, मैं फिर से छोटा बच्चा बन जाऊं,
मां की गोद में,जन्नत सा सुख पा जाऊं।
सुरक्षित रहूँ ,आशियाने में आंचल के,
जग के मसलों से दूर रहूँ,कहीं ना जाऊं।

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11 MAY AT 18:09

क्या है वो, जिससे तू घर-आंगन महकाती है
और कैसे मां,तुझे दर्द हो तब भी मुस्कुराती है

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11 MAY AT 14:14

एक 'मां' शब्द में, ममता की पुस्तक है समाई,
जिसके अर्थ की गहराई,कलम न समझा पाई।

प्रेम, समर्पण की परिभाषा,सुंदर लिखाई ,
वात्सल्य का पाठ,हर विषय की भरपाई।

मां के लिए,कोई एक ही दिन नहीं, मेरे भाई!
इस तोहफ़े के नहीं बराबर,सारे दिनों की कमाई।

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3 MAY AT 19:04


क्यूं करते हो चांद,सितारे आसमां के
या टूटे तारे की कोई बात
मोहब्बत की जमीं पर हमारी
होगी केवल दिल की दिल से बात

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30 APR AT 21:35

जब से हुए हैं, हम तुम गैर
अपना सा, नहीं लगता कोई और
जी रहे हैं, पर जी नहीं लगता
ख़्वाब आंखों में,नहीं बसता कोई और

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