कैसे कैसे कमाल कर रहा था वो,
देके वास्ता इश्क का इस्तेमाल कर रहा था वो..-
दिल में बसे,मन में सजे
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इस जहां में मेरा होके कोई मेरा हमसफर नहीं मिलता,
जिससे दिल मिलता है फ़िर उससे मुकद्दर नहीं मिलता..-
तुम्हारी सूरत के सिवाए इन आंखों को किसी की सूरत जचती नहीं,
हा अब आ जाओ ये जो इंतजार की घड़ियां है वो कटती नहीं..-
ये जो दूर दूर से लग रहे हो किसी फसाने से,
अरे मिल जाओ आके किसी बहाने से..-
अब हालात काबू में नहीं,सब तेरी नजर का कसूर है,
एक जमाना था जब हम पी कर भी होश में रहते थे..-
खेल सारा लिबास का ही तो होता है,
वरना ये निगाहें भी मेरी वही हैं और ये जिस्म भी तुम्हारा वही है..-
चेहरे पे हमदर्दी दिल में कुछ और ही रखते है,
ग़म देकर फिर दवा भी करते हैं,
जो हो गए थे सामिल अपनों में,
वो अपने अब साजिश बहुत करते है,-
तुम जान जान कर,
यूं तरसाया ना करो,
टिक टॉक, इंस्टा पे कलाकारी दिखाओ,
पर हुस्न दिखाया ना करो..-
हकीक़त दर हकीक़त बदल रही है,
इसे हकीक़त कैसे समझू,
तुम जो हर रोज चुरा लेते हो निगाहें हमसे,
इसे मोहब्बत कैसे समझूं..-
लफ्ज़ो की दहलीज़ पर घायल जुबान है,
कोई तन्हाई से तो कोई महफ़िल से परेशान है..-