तुम परी हो बेटी
चेहरे पे यूँ मुस्कान न होती,
गर आँचल मेरी परियों भरी न होती ।
मेरी खुशी भी तेरे अधरों से होती,
तेरे गम में मैं रो लेती ।
ऊँची उड़ान हो तेरी, फलक पड़ जाये छोटी ,
फक भरी आँखे मेरी, ये आँचल के अनमोल मोती ।
जीवन के मौसम में धूप -छाँव होती रहती ,
डरना मत तू है "बेटी " तुलना जिसकी लक्ष्मी, दुर्गा से होती ।
बदनसीब है वो दामन जो है बिन बेटी ,
जीवन उनका माँ, बहन, बेटी रुप एहसास बिना होती।।
विनी (VANSHI)-
रक्षाबंधन
क्यु न करूँ इंतजार,
आया भाई बहनों का त्योहार ।
धागा नहीं? बाँधती है बहन आस और विश्वास ,
भूल से भी बहनों का न करना परिहास ।
हर तूफाँ से बचाने ,वही कलाई बन जाएगा फौलादा ,
तेरे गम से आँचल भर लू,खुशी का हो तेरे आँगन आना।
तेरी किस्मत ऐसे चमके, मेंरे बच्चों के बनके चंदा मामा
युगों- युगों तक इस पावन दिन हो तेरा आना -जाना।।
आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ और आपका दिन मंगलमय हो।।
विनी (VANSHI)
-
आज़ाद परिंदे (बेटियाँ)
न रोक सकें 'हम ' आजा़द परिंदों को ,
हमने तोडे ज़माने के हर फंदों को।
न खींचों लकीरें हमारे घरौंदों के ,
हौसला है रच दूँ नई कई आसमानों के ,
हिंदी की बिंदी को देश के मस्तक पे लगाया ।
कोमल और लाचार समझने वालों को पाठ पढ़ाया।
नाजुक हूँ , कमज़ोर बताया पर नारी सबपे भारी हूँ ,
हम,स्नेह , समर्पण ,त्याग और सृजन की अधिकारी हूँ ll
UPSC Civil Services me betiyon ne parcham failaya
विनी (VANSHI)-
माँ (समर्पण सृष्टि)
माँ ममता की मूरत ,
सर्मपण झलके जिसकी सूरत ।
कोख से जना हो जितना भी बदसूरत ,
माँ के नज़र में वो जहाँ से खूबसूरत।
हर तकलीफ में क्यों माँ ही पुकार?
क्योंकि माँ के आगे तकलीफ खुद हारे।
हर दौलत छोटी पड़े ,
जब प्यार भरा हाथ सर पर वारें।।
विनी (VANSHI )-
मातृ दिवस
माँ जननी सृष्टि की ।
माँ त्याग बलिदान की मूर्ति ।
माँ लाती कहाँ से हर अपमान सहने की शक्ति ।
माँ बच्चों के हर हठ को करती आपूर्ति ।
माँ आहत होते बच्चे पर माँ है रोती ।
माँ असमर्थ है सभी माँ के स्वरूप की खींचू कैसे आकृति ।
माँ इस ब्रह्माण्ड की अद्भुत अनुभूति ।
विनी (VANSHI)-
पीहू परी
छोटी सी, प्यारी सी, नन्ही सी आयी पीहू परी ....
पलक झपकते कब हो गयी बड़ी |
नेक दिल , मासूमियत से लिपटी रही ,
पग- पग पे शूल कम , ज्यादा फूल ही रहें |
मामा के ' p' कहते ,
क्षण भर में सामने खड़ी |
छोटी सी, प्यारी सी, नन्ही सी आयी पीहू परी ....
नानी जब थकती , Entertainment का ध्यान भली |
छोटा भाई नहीं दोस्त बना
बातें करे हर छोटी बड़ी |
मम्मा की हर रुप बन
फिर से बचपन का दी नई|
माँसी की धड़कन बन
बिन जन्में मैं तेरी माँ बनी |
छोटो को रंज है मम्मा देती
हमें इनकी मिसाल कई |
Wish you for a Happy Happy Birthday🎂🎂-
धीरे धीरे ये साल भी
मुकद्दर से मिला जीवन इंसान की,
कुछ कर जाये , बने वजह अपने पहचान की ॥
आगाज हो नववर्ष का मिले सुख ,समृद्धि, ऐशवर्य भी,
अब तो जागो , प्लानिंग में ही गुजरा
" धीरे धीरे ये साल भी "ll
सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 2023
विनी (VANSHI)-
! साल के आखिरी किनारे पर
कशमकश है जिंदगी के मुहाने पर,
पगडंडी सजीवन लगते सुहाने पर ll
सतरंगी जीवन हो सबका नव वर्ष पर ,
आ पहूँचें है साल के आखिरी किनारे पर ll
विनी (VANSHI)-
मेरे आँखों के दो तारें
आरना (लक्ष्मी जी )
आरव (ज्ञान का राजा / शिव जी)
सूना दामन , लेती साँसे ,
चुभती मानों जैसे शूल ll
अपमानित होती खुद की नजरों से ,
विधाता की मानों हूँ एक भूल ll
जागे विष्णु कार्तिक एकादशी को , किस्मत जागी मेरी वैसे ,
भर दी आँचल मेरी आरना (लक्ष्मी) रुपी डाल फूल ll
जीवन पथ खुशियों भरा मानों परे हो अरमानों से,
छोटा पडा आँचल आये नटखट आरव (शिव जी) शांति गई गुल ll
स्वस्थ रहो , अच्छा इंसान बनो , आशीष है दिल से ,
शब्दों की मोती , अरमानों के धागे में रही हूँ बुन
" तुम्हारी मम्मा " ll
You are one in a Decillion🎂🎂🍫🍫💕💕
-
मां का प्रतिबिंब है यह बेटियां
भर दे आगन वह उमंग है यह बेटियां
मां बाप के दिल की रानी है यह बेटियां
प्रभु कृपा से सृजन का आगाज है यह बेटियां
पीहर को त्याग बलिदान देती है यह बेटियां
लालच कीआग में इनपे कब तक सेकोगे रोटियां
बस अब ना सहेगी अपमान यह बेटियां
संगीत की मधुर तरंग है यह बेटियां
आज की ना कटने वाली पतंग है यह बेटियां
छूने दो नभ को, हथेली पे चांद उतारेगी बेटियां
विनी(vansi)-