इस कदर अंधा बना दिया तेरी मोहब्बत ने
मुझे अब हर चश्मे वाली तुम नजर आती हो-
🕉Hindu by born
🇲🇷Muslim by brotherhood
☫Sikh by swag
🕆Christian by fas... read more
आलम ए बेरोजगारी में ना जाने कब जवान हो गए
इतनी कच्ची उम्र में, हम हुकूमत के गुलाम हो गए
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मुलाज़िमी हुकूमत की, खुद-ब-खुद काम करती है
जो पहले सलाम तक नहीं करती थी
अब वह भी एहतेराम करती है-
तू मांग लेना बद्दुआ मेरे लिए
अब तो तेरे भी कुबूली के दिन आने वाले हैं-
आज के दौर में
जरूरत नहीं,
इज़हार-ऐ-मोहब्बत की
हुकूमत के मुलाज़िम को।
पहुंचा दो यह पैगाम,
मेरे दिल के कातिल को।।-
one sided के चक्कर में हम अपने ही दिल के कातिल हो गए
वह हो गई किसी और की और हम हुकूमत के मुलाज़िम हो गए-
वो कैसे इतना बदल गया, हर शख्स उस से रूठ गया
जो देखा उसने आईने में, तो आईना ही टूट गया-
आलम-ए-बेरोजगारी का आज पूरे मुल्क पर छा गया ।
वो दीमक ही ऐसा था जो पलंग भी खा गया और बिस्तर भी खा गया ।।-
बेरोजगारी का वो दिन भी देखने वाला होगा
कोई लड़की नहीं चाहेगी की मेरा पति चायवाला होगा
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