आफ़त है उसकी आंखें , और दिलकश अदाएं है ,,
वो नायाब चेहरा हुस्न का बेहतर नमूना है ।-
सुनो बबुआ , कम उम्र में शादी
और बाबूजी से रंगबाजी दोनों दुख देता है-
जान अच्छा नहीं होता
यूँ दिल जलाके बैठ जाना
छोटे-छोटे बात पे
तेरा मूहँ फूलाके बैठ जाना
गु्स्सा है तो झगड़ ले पर
बात तो कर मुझसे..
यार बहुत हुआ तडपाना
चल अब मान भी जा ना-
इश्क़ वाली हर घटना को लिखते हैं
कभी बनारस तो कभी पटना को लिखते हैं
शहर को कम ज्यादा गाँव को लिखते हैं
"अश्क " गंगा में चलती नाॅव को लिखते हैं
बाबू,सोना,मोना,टोना इनको कहा पसंद
पापा की परीयो को करेजा हमार लिखते हैं
बर्गर पिज़्ज़ा चाउमिन के खिलाफ है जी
जनाब लिट्टी चोखा अचार लिखते हैं
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ मेरे भाई
तुम ऐसे ही मुस्कुराते रहो और लिखते रहो
महादेव तुम्हारी हर ख्वाहिश पुरी करे😊-
सुनो न...
मत खोला करो अपनी जुल्फों को सावन में
इन्हें देख कर दिल बहकने लगता है
और कहो अपने झुमके को जान यूँ न मचले
बादल और जोर से बरसने लगता है-
चलो आज खत्म ही करते हैं किस्सा मोहब्बत का
अब कितने मजनू बने हम उनके इश्क़ में बताओ-
तनी तनी बात पे रुस जाली जान हो
जाने कवन माटी से बनवले भगवान हो
बात नहीं माने गोरी हमके सतावेली
अखियाँ से नींद दिल के चैना उडावेली
का कही रे भाई दिलवा के बतीया
कट जाला दिन लेकिन कटे नाही रतीया
का जाने कब छुटी लव के बिमारी
केकरा खातिर करेजा हमर सहेली सोमारी
शशांक झा "अश्क"-
She- बाबू बहुत दिन हो गया है मिले हुए मिलो न यार
He- पुलिस पकड़ के बिना पंख के मूर्गा बना रहा है बाबू
कोरोना है कोंरेन्टाइन कराओगी क्या
She- जो डरेगा वो प्यार क्या करेगा
मास्क लगाओ हिम्मत बढाओ और मिलने आओ
Me- ले अब और कर बाबू सोना 😂🤣🤣🥰🥰🤪-
अजी बैठीए पास जरा गुफ्तगू करले
आखों से सब कह दे धडकनों से सब सुन ले
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आखों से निंद,होठों से हसी,दिल से धड़कन नाराज क्यों है
क्या हुआ खता मुझसे मेरे खुदा मेरा हमदम उदास क्यों है
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