ना वो, हमसे कहते हैं,
ना हम, उनसे कहते हैं,
पर दोनों के दिलों में दोनों रहते हैं...!!!
VSG
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अगर वह इशारों में मोहब्बत बयान करेंगी,
तो हम पलकें उठाकर इजहार कर देंगे !!
VSG-
मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,
तलवों में उधर और इधर दिल में लगा दी।।
VSG-
हुस्न के क़सीदे तो , गढ़ती रहेगी महफ़िलें ..
झुर्रियां भी प्यारी लगे तो समझ लेना इश्क़ है..!!
VSG-
बाप के कपड़े उतर जाते बेटी को कपड़े पहनाने में,
बेटी कपड़े उतार देगी अपने बॉयफ्रेंड को मनाने में..!
VSG-
तुम तो कहती थी... तेरे बिन जिंदगी बेरंग है,
तो फिर....
ये मेहंदी, ये काजल और ये श्रृंगार किसलिए है ??
VSG-
जब से मैं गिनने लगा इनपर तेरे मिलने आने के दिन।
बस तभी से मुझको मेरी उंगलियां अच्छी लगी। ❤️
VSG-
मेरा पागलपन समझो इसे,
या दिमागी दिक्कत।
मेरी होने आना तो पाक होकर आना,
इश्क का बर्तन जूठा नहीं चाहिए मुझे।
अज्ञात
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पुरुषों का हृदय भी उतना ही कोमल है जितना स्त्री का। क्यूँकि हृदय तो हृदय होता है ना जी। पुरुष सिखाते हैं कि जीवन कितना भी भारी हो, दर्द कितना भी गहरा हो, दिल के चीथड़े हो जाने के बाद भी जीवन का झोला पीठ पर उठाया तो जाता ही है। पुरुष के कंधों में बहुत बल है, ये वही कंधें हैं जो पार्थिव भी उठाते हैं और प्रेमिका के आँसू भी। पुरुष बताते हैं कि बलशाली होना भी कितना ज़िम्मेदारी का काम है।
VSG-
काश के नीयत में खराबी होती,
काश के मैं तुम्हें चूम पाता।
काश के उस शाम जो मिले,
काश के तुम संग झूम पाता।
काश के बेड़ियाँ ना होती सामाज की,
काश के गालों को तुम्हारे मैं छू पाता।
काश के शराफत अपनी भूल पाता,
काश के तुम ना डरे होते,
काश के मैं तुम्हें चूम पाता।
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