कुछ इस तरह अपना प्यार छुपाता रहा
अंतरा याद होने पर भी मुखड़ा सुनाता रहा
वक्त से गिला शिकवा केवल इतना है
चेहरा खुबसूरत था उनका, मैं तस्वीरों मैं छुपाता रहा
– विनय सोनी
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कुछ इस तरह जज़्बात नज़र करते है
खामोश लब कुछ भी बताने से डरते है
वक्त की नजाकत ही तो है
थे जो कल तक किसी की बाहों मैं
वो आज किसी और पर मरते है
– विनय सोनी-
है अश्को से गुजारिश की अब न बरसे
तरसना है ज़मीन को बस बदलो से न तरसे
मुकमल था की निकलने से पहले रोक देते
क्या सोचे बहुत दूर आ गए हम भी घर से
– विनय सोनी-
यादों का बोझ भी भारी होता है जनाब
कही कोई मार जाता है, कही कोई हार जाता है।
– विनय सोनी
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तूफानों की कशमकश मैं कुछ इस तरह फंसे है,
अब दिल संभाले की मौसम...
– विनय सोनी-
ये तलाश भी कुछ इस तरह खत्म होगी,
एक दिन यूंही मैं तुम्हारा तुम मेरी होगी
– विनय सोनी-
तुझे पाने की ख्वाहिश मे इतने कसूर आ गए
पहुंचे इस तरह मंजिल पर, जैसे कोई मजबूर आ गए
क्यूं भला हासिल हुआ नहीं करती ये मोहबतें
यही सोचते सोचते तुझ से दूर आ गए
– विनय सोनी
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रख भरोसा एक दिन पत्थर से तू फूल खिलाएगा
सब्र रखना तब, पूरा ज़माना उस फूल पर हक जताएगा
कह देना उस दिन लोगो को, की ये तो सिर्फ बागीचा है
क्या ही जताओंगे जब पूरा जंगल मेरा नाम गुनगुनाएगा
- विनय सोनी-
तेरी बातों को सहेजकर
तेरी मुस्कुराहट को समेटकर
उड़ चला हु अब
तेरी यादों को सीने से लपेटकर
- विनय सोनी-