अच्छाई का बुराई के विरुद्ध,
.....सरसई-
तितली ने छुआ तो हुआ गुल गुलजार समझो,
देख लिया तूने quote तो लिखा हमारा हुआ साकार समझो,
क्या पता कब रुक जाए आयु,
हँसते हँसते वक्त बिताओ
कह गये भैया श्रीवास्तव राजू,-
घर की शान होते हैं,
जोड़े रखते हैं सब
रिश्तों की पहचान होते हैं,
बुजुर्गों में विराजमान
स्वंय भगवान होते हैं,
विनय सरसई
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मर्ज़ी के मालिक
मस्त कलंदर हैं,
संविधान से बंधे
हुए हम गणतंत्र हैं,-
देखे जग का मेला,
खाए तो खाए क्या गरीब
40 रूपये कदू 60 रूपये करेला,
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देते हैं हमें tree यारो,
देखो चीजें three यारो,
फलफूल छाया और
आक्सीजन free यारो,
....सरसई-