13 APR 2018 AT 4:11

विनाश काले विपरीत बुद्धि
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विघटन के कगार पर,
विवशता के अंगार पर,
विध्वंसक अस्त्र-शस्त्र लिये,
विनाशी आतंकवाद के झंडे तले
विश्व को गृहयुद्ध,नफरतकी
विभीषिका में झोंकने की साज़िश
विश्व जन मानस को मथती रहती है।
विभन्न काल खंडों में
विभिन्न कुत्सित मनसा वाले,
वर्गों द्वारा घातक घुसपैठ कर,
विभक्त साम्प्रदायिक घृणा क्षेत्रों में,
विष वमित नर-संहार के आत्मघाती प्रयास
वातावरण में हृदय विदारक चीखों के साये में
विस्फोटित आक्रमण कर की जाती रही हैं।
वर्तमान काल-खंड भी इसका अपवाद नहीं,
वैचारिक घृणा के दुष्परिणाम स्वरुप
विद्यालयों में मासूम बच्चों पर गोलियाँ,
विष बुझे रंग-नस्ल भेद और
वैमनस्य से लाल होती ज़मीं पर
विषैले जैविक आणविक हथियारों से लैस
वर्तमान तानाशाहों के मंसूबों को
विश्व -समुदाय क्या रोक पायेगा??
© #Veenu" ✍

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