मुकम्मल आज मुलाकात होगी
आज फिर चांद के शहर मे,
चांद संग चांद की बात होगी ....-
Vinay NaMo
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प्रेम इतना शाश्वत है
कि उसका भ्रम भी आश्वस्त है
कि उसका भ्रम भी आश्वस्त है
Joined 4 April 2018
23 AUG 2023 AT 16:03
11 JUN 2022 AT 22:43
स्मृतियाँ कभी विस्मृत नही होती
याँ यूँ कह लो
वे विस्मृत कभी होना ही नही चाहती
क्योकि वर्तमान के आंकलन मे
सबसे महत्वपूर्ण योगदान उन्ही का होता है-
8 MAY 2022 AT 18:40
बड़के के साथ रहेगी
या फिर मझले या छुटके के साथ
बच्चो को ब्याहते ही
बट जाती है माँ-
25 APR 2022 AT 14:50
हालात ये अब बदलना चाहता हूँ
अपने मुकद्दर का मुसव्विर मै अब बनना चाहता हूँ-
14 MAR 2022 AT 18:37
युद्ध की भयावह तस्वीरो को
कैमरे मे कैद करना
मानव जीवन की सबसे वीभत्स त्रासदी है-
26 JAN 2022 AT 18:46
खादी का मेला है
कुर्सी का खेला है
बेवजह की भीड़ है
बेवजह अकेला है
सब अब सबके है
जात का झमेला है
महत्वाकांक्षा बली है
परिक्रमा की बेला है
भरपूर मिठास वाला सिंबल करोड़ो का है
स्वतंत्रता अब नीम है
गणतंत्र करेला है-