VINAY KUMAR PANDEY   (Abhirup (Vinay Pandey))
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बैठ मेरे साथ, अपनी कुछ बातें बता लूं तुझे
अपनी बाहों में भरूं और गले लगा लूं तुझे।।
Joined 3 August 2017


बैठ मेरे साथ, अपनी कुछ बातें बता लूं तुझे
अपनी बाहों में भरूं और गले लगा लूं तुझे।।
Joined 3 August 2017
13 SEP 2023 AT 23:35

I am doing wright it's confidence which is very good but only I am doing wright is arrogance which is very impolite.

मैं ठीक कर रहा हूं यह आत्मविश्वास है जो की बहुत अच्छा हैं परंतु केवल मैं ही अच्छा कर रहा हूं यह अहंकार है जो की असभ्यता है।

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4 APR 2023 AT 14:05

नही पता और दुनिया बटेगी कितनी जात में
किसको पता की जिंदगी कट जाए एक रात में

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8 JAN 2023 AT 19:26

मैं अपना-आपका रिश्ता कुछ यूं बना रहा हूं,
कि मैं आपका का हूं आप ही से छुपा रहा हूं।

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8 JAN 2023 AT 19:19

मैं धुंए सा हूं घूम रहा ,
बादल ही बन जाऊं क्या?
मुझे धूप बहुत है लग रही,
तुम्हारे आंचल में छुप जाऊं क्या?
तुम बनो जो मोहब्बत मेरी
मैं तुम्हारी चाहत ही बन जाऊं क्या?
जो तुम बनो सागर मेरा
तो मैं नदी भी बन जाऊंगा।

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27 NOV 2022 AT 18:35

जिंदगी से लड़ा हूं तुम्हारे लिए
हार कर फिर खड़ा हूं तुम्हारे लिए
छोड़ कर तुम गई मुझको जिस मोड़ पर
आज भी मैं खड़ा ही तुम्हारे लिए।

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5 NOV 2022 AT 22:03

मुस्कुराकर अपनी जिंदगी को कुछ यूं भी बर्बाद किया जाए,
आओ, चलो हम-तुम भी मिल के इश्क वाला प्यार किया जाए।।

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3 NOV 2022 AT 22:26

Just try to find something fine even in the worst, you will see that you are living and loving the world what you have been awarded by the supreme.
बस सबसे बुरे में भी कुछ अच्छा खोजने की कोशिश करें, आप देखेंगे कि आप दुनिया को जी रहे हैं और प्यार कर रहे हैं जो आपको सर्वोच्च द्वारा प्रदान किया गया है।

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2 NOV 2022 AT 20:51

One more irony of human life that despite being the most imperfect lifeform on earth we always try to find a perfect one for us.
मानव जीवन की एक और विडंबना यह है कि पृथ्वी पर सबसे अपूर्ण जीवनरूप होने के बावजूद हम हमेशा अपने लिए एक आदर्श जीवनरूप खोजने की कोशिश करते हैं।

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2 NOV 2022 AT 18:01

हमारी दूरदर्शिता, हमारे सूक्ष्म अवलोकनों व अनुभवों पर निर्भर करती है।
Our farsightedness depends on our subtle observations and experiences.

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27 OCT 2022 AT 17:57

हर समय, हर पल मुहुरत नही होता,
हर बार प्यार जरूरत नहीं होता,
देखो तो चांद भी है उजला बहुत,
बस चेहरे से कोई खूबसूरत नही होता।।

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