रिश्ते सुधारने के कई मौके मिले, पर हर बार ठुकराया
और आज वो कहते हैं कि,
वो तो सब ठीक करना चाहता थे पर हो नहीं पाया ।-
अपनी बाहों में भरूं और गले लगा लूं तुझे।।
तुम जो बनो सागर मेरा,
मैं तुम्हारी नदी बन जाऊंगा।
चाय में जैसे बिस्कुट बन जाऊंगा,
तुम कहना मैं तुम्हारा हिस्सा हूं,
और मैं, तुम बन जाऊंगा ।-
बहुत देखी है बनती-बिगड़ती यारियां,
यहां हर कोई अपना, सगा नहीं होता।
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वो बेदाग था जिसे बर्बाद समझा आपने,
हमारी वेदना को ईर्ष्या समझा आपने।
हम दोहराते रहे आपसे माफ़ी की अर्जियां ,
पर दिखावा बता हर बार मना किया आपने।-
काश की मैं उस दिन खुद को रोक लेता,
तुम्हे अपना बनाने से!
तो आज मैं बच जाता गैर कहलाने से।
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तुम हमे कोसते रहे हमसे मिलने के बाद ,
हम तुम्हे खोजते रहे तुमसे मिलने के बाद ।
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जब बात नहीं बनती तो क्यों बात किया जाए?
वो मुझे मानते हैं बुरा फिर अच्छा क्यों किया जाए?
मैं याद नहीं जिसको, उसे क्यों याद किया जाए?
और जो भूल चुका है मुझको , उसे भुला दिया जाए।-
सोचता हूं तुमसे जिंदगानी कहेंगे,
जवानी की ढेरों कहानी कहेंगे,
दिल में मैने भी बसाया है किसी को,
मिले जो तो, अपनी प्रेम कहानी कहेंगे।-
सोचा था उसको की ,
वो मेरा ही हिस्सा है।
आज समझ आया,
वो तो बस एक किस्सा है।-