दो - चार पन्ने , दो चार किस्से ।तू सोचता है, तू सब जानता है।तेरी समझ के परे हूं मैं बच्चे,कीमत मेरी, मेरा रब जानता है। -
दो - चार पन्ने , दो चार किस्से ।तू सोचता है, तू सब जानता है।तेरी समझ के परे हूं मैं बच्चे,कीमत मेरी, मेरा रब जानता है।
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If it ain't flawed, It ain't beautiful! -
If it ain't flawed, It ain't beautiful!
मेरी अमीरी ,तेरी ग़रीबीमें फर्क इतना है ऐ दोस्त,तूने तिजोरी में जवाहरात जमा रखे हैं,हमनें आंगन में कुछ फूल खिला रखे हैं। -
मेरी अमीरी ,तेरी ग़रीबीमें फर्क इतना है ऐ दोस्त,तूने तिजोरी में जवाहरात जमा रखे हैं,हमनें आंगन में कुछ फूल खिला रखे हैं।
हम अपना हर ग़म तुझको बयां नहीं करते,कुछ छुपा लिया करते हैं,उसी दिल में, जहां रहने का तुम दावा करते हो,बस ये तसल्ली करने के लिए,के तुम अब भी वहां रहा करते हो। -
हम अपना हर ग़म तुझको बयां नहीं करते,कुछ छुपा लिया करते हैं,उसी दिल में, जहां रहने का तुम दावा करते हो,बस ये तसल्ली करने के लिए,के तुम अब भी वहां रहा करते हो।
तुझे, 'तू' न कहूं , 'मैं' कहूं , गलत तो नहीं।तू मुझसा नहीं, पर , मुझसे अलग तो नहीं।। -
तुझे, 'तू' न कहूं , 'मैं' कहूं , गलत तो नहीं।तू मुझसा नहीं, पर , मुझसे अलग तो नहीं।।
तुमने पूछा था ना !* अनुशीर्षक * -
तुमने पूछा था ना !* अनुशीर्षक *
कोई पिंजरा नहीं मैं, जो रोकूं तुझको, इक डाल हूं बस, साथ हूं तेरे।साथ तूफ़ां से लड़ने का हौसला कर ले।आ मुझ में घोंसला कर लें।। -
कोई पिंजरा नहीं मैं, जो रोकूं तुझको, इक डाल हूं बस, साथ हूं तेरे।साथ तूफ़ां से लड़ने का हौसला कर ले।आ मुझ में घोंसला कर लें।।
जब खो देनेे का डर ख़त्म हो जाए ना,समझ लेना, दिल्लगी आशिकी बन गई है। -
जब खो देनेे का डर ख़त्म हो जाए ना,समझ लेना, दिल्लगी आशिकी बन गई है।
पहले हंस लेते थे, अब बस मुस्कुराते हैं।कुछ उम्र का तकाजा है, कुछ वक्त का ।। -
पहले हंस लेते थे, अब बस मुस्कुराते हैं।कुछ उम्र का तकाजा है, कुछ वक्त का ।।
तुम्हारी याद ने लिखना सिखाया था,तुम्हारे साथ ने जीना सिखा दिया ! -
तुम्हारी याद ने लिखना सिखाया था,तुम्हारे साथ ने जीना सिखा दिया !