ये जुल्फो के बादल, मुस्कुराहट की आंधी खुबसूरती तेरी बारिश सी दिखती है । होठों से जो कहती है सीधा दिल में रुकती है । केसा है जादू तुझमें ,तू मुझे मुझसी लगती हैं।
उस मुलाकात का है बेसब्री से इंताजरा । हाथो में होगी चाय ओर आखो से होगी बात , रहेगा मुझको भी शब्दो का इंताजर। रहेगा तुझको भी लब्जो का इंतजार । दोनों बेसब्र होंगे, करेंगे फिर बाते हजार।
जरूरी तो वो भी था ,जब उसने पहली दफा ठुकराया था तेरे प्यार को । जानते हुवे भी के उसे इश्क नहीं, दीवाना बन बैठा था। खुद को रोकना तो उस वक्त भी जरूरी था । जब इश्क नहीं था, तो केसे रुकते वो। उनका जाना भी जरूरी था।