VÎLLÅÏÑ ✍️✍️   (Roshan sah ✍️✍️)
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Joined 26 July 2020


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21 NOV 2024 AT 17:48

नशे के आगोश में
एक ख़्वाब देखा
जहर के प्याले में इश्क़ का इतर देखा
इस हक़ीक़त को सच समझू या झूठ??
बेवजह ही मैने ख़्वाब को बेनकाब देखा...

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7 NOV 2024 AT 19:26

Jai chhatha maata🙏

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3 NOV 2024 AT 21:33

हम ख़्वाब देखे
और हकीकत में मुकम्मल हो जाए
इत्ती सी जिंदगी का मै क्या करूंगा
इससे खुबसुरत ख़्वाब अधूरे रह जाए ....

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2 NOV 2024 AT 16:07

जब दवा ज़हर हो ,
तो इस मर्ज का इलाज़ किससे करवाएं ??
हम दर्द में ही महफूज़ हैं
धोखे में क़ैद जिन्दा कब तक रहा जाए !!

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21 OCT 2024 AT 18:19

अपने नजरों से मेरी खामोशी को पढ़ना,
ये हंसना और हंसाना तो मेरी मजबूरी हैं ग़ालिब...

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19 OCT 2024 AT 1:50

जवाबों के जज़्बात में उलझाता कौन हैं?
मेरा सवाल भी बड़ा अजीब था..
इश्क़ तुझसे हैं
तुझे इश्क़ से क्या ही नफ़रत हैं??

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4 OCT 2024 AT 17:21

इश्क़ की बस दो प्याली!!
एक मैने पिया नहीं..
औरो को चढ़ा नहीं!!
बोतल भी बदल गया,
पर किसी के रंग मे इस कदर झूमा नही....

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13 AUG 2024 AT 21:51

साज़िश, गुनाह या हवस
उसमे कुछ तो बाकी होगा ??
बेवजह ऐसे ही नहीं ,
राजनीति का हवाला होगा..
कुछ गुनाह अब भी बाकी होगा !!

इंसाफ से क्या ही मिलेगा ??
आज चर्चा कल कोई और समाचार होगा....

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19 JUL 2024 AT 2:06

उसकी खूबसूरती ही झूठी हैं !!
जख्मों के दर्द से कभी सम्पूर्ण ,
तो कभी अधूरी दिखती हैं ...

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17 JUL 2024 AT 15:43

कागज़ पर लिखी कहानी बदल गई हैं ??
कहानी वहीं है साहब !!
शायद कागज़ ही बदल गई हैं ..

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