ऐ दास्तान ए जिंदगी तेरा शुक्रिया,
मुझे तेरे दागों ने चांद बना डाला,
जो होता बेदाग तो इतना शीतल न होता,
तेरे एहसास ने मुझे और भी खूबसूरत इन्सान बना डाला।-
मैं परिंदा हूं खुले आसमान का,
मुझे अपनी उड़ान भरने दो,
बहुत भारी है तुम्हारी उम्मीदों का बोझ,
मुझे खुद की पहचान करने दो!
ज़रूरी नहीं मेरा अपने फैसले लेकर खुश रहना,
धीरे धीरे ही सही, पर मुझे अपने दम पर चलने दो,
मैं गुलाब ना सही, पर चमेली तो हूं,
मुझे रोको मत, मुझे भी खिलने दो!
मुझे अपनी उड़ान भरने दो।-
मज़ाक में कही बात के सच होने के डर से लड़ती है,
तो कभी काला धागा मेरे पैर पे बांध, बुरी नज़र को दूर रखती है,
लगता है, मैं उसे बहुत प्यारा हूं,
मेरी मां मुझे कुछ भी होने से बहुत डरती है।-
कुछ इस तरह बांधना तुम अपने प्यार का बंधन,
जैसे होता है गंगा और अलकनंदा का संगम,
मैं लीन हो जाऊं तुम में, तुम्ही हो जाऊं मैं,
मेरा अस्तित्व ना रहकर, अलकनंदा से गंगा बन जाऊं मैं।-
की मरीज़ -ए- मोहब्बत का हाल भी जान लो,
सुना है तुम्हारी मोहब्बत ने, उन्हें भी बहुत ज़ख़्म दीए हैं।
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"कस्तूरी कुंडल बसे
मृग ढूँढे बन माही,
मेरा साहिब मुझ में बसे
दुनिया जाने नाही... "-
प्यारे चाँद,🌙
आज ज़रा जल्दी आ जाना,
घर पर माँ भूखी प्यसी तुम्हारा इन्तज़ार कर रही होगी,
और यह सोच-सोच कर, मीलों दूर, मेरे निवाले हलक से उतर नहीं रहे।-