कोई तुम्हें जान से ज्यादा चाहता है..!
तो तुम उसे थोड़ा चाह कर तो देखो..!-
तुम जब चाहे तब मुझे वैसा ही इलाज करते हो कभी दोस्त की तरह बात करते हो कभी अजनबी से लगते हो मैं भी सोच लेता हूं की अब तुमसे दूर रहना ही सही रहेगा। आदत लगती ही है तुम्हें भुलाने की तुम फिर नई बात शुरू कर देते हो। अब इतने वक्त में इतना जान गया हूं तुमसे की जब तुमे ईश जानी की जरूरी होती है तुम्हें याद मेरी तबी आती है। और मै तुम्हारी तारः कर्ण नहीं जनता यार को इग्नोर करें। कोष कर्ता हूं पर ये चीज मुझसे हो ही नहीं पाटी है। तुम कैसे कर लेते हो बातों को अनसुना मेरी, तुम्हारे बस अपने सवाल का जवाब चाहिए न मेरी तो सुन्नी ही नहीं। अगर कोई कदर करेगा तो तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा।
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तुम जब चाहे तब मुझे वैसा ही इलाज करते हो कभी दोस्त की तरह बात करते हो कभी अजनबी से लगते हो मैं भी सोच लेता हूं की अब तुमसे दूर रहना ही सही रहेगा। आदत लगती ही है तुम्हें भुलाने की तुम फिर नई बात शुरू कर देते हो। अब इतने वक्त में इतना जान गया हूं तुमसे की जब तुमे ईश जानी की जरूरी होती है तुम्हें याद मेरी तबी आती है। और मै तुम्हारी तारः कर्ण नहीं जनता यार को इग्नोर करें। कोष कर्ता हूं पर ये चीज मुझसे हो ही नहीं पाटी है। तुम कैसे कर लेते हो बातों को अनसुना मेरी, तुम्हारे बस अपने सवाल का जवाब चाहिए न मेरी तो सुन्नी ही नहीं। अगर कोई कदर करेगा तो तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा।
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"रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है;
बस तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है। "
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अपनी साँसें मिरी साँसों में मिला के रोना
जब भी रोना मुझे सीने से लगा के रोना!!!
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हम तो दोस्ती के सौदागर हैं,
दिल का सौदा सच्चा कर जायेंगे,
अगर आप होंगे हमारी दोस्ती के खरीददार,
तो दोस्ती की कसम हम मुफ्त में ही बिक जायेंगे.-