,**मेरी छोटी सी ख्वाहिश है तुम उसे पूरा कर पाओगे क्या..
अगर मैं कभी तुम से नाराज हो जाऊं तो मुझे गले लगाकर मना पाओगे क्या..
पूरी जिंदगी का तो पता नही
जब तक जिंदा हूँ साथ दे पाओगे क्या..
मैं जिद्दी बहुत हूँ मेरे जिद के सामने खुद को झुका पाओगे क्या...❤️**-
**मुझे कभी कभी लगता था कि,
मुझे बदल जाना चाहिए था ,
वक्त के साथ ,
मगर मैं नहीं बदली,
मैं रही वही पुरानी सी ,
नए जमाने के साथ नही मिलता मेरा तालमेल,
या तो रिश्ते बनाओ मत,
या फिर उन्हे दिल से निभाओ,
मुझसे किसी की नकल नहीं होती,
शायद उसके लिए भी अक्ल चाहिए,
जो मेरे ख्याल से मेरे पास नहीं है ☺️
ख़ैर...सबकी अपनी सोच हैं,
मगर मैं खुश हूं की इस बदलते दौर को
मैने खुद पर कभी हावी नहीं होने दिया...!
मैं पुराने विचारों की हूं तो मुझे इसमें रत्ती भर भी शर्म महसूस नहीं होती ☺️**-
**बड़ा सुकून है
जो तुम
दिल में मेरे रहते हो
दुनिया की
उथल पुथल का
कोई फर्क ही
नहीं पड़ता
जब देखती हूं मैं
और तुम मुस्कुराते हो....
जीवन की उलझने
जाने कहां
चली जाती है
जो पल भर भी तुमसे
बात हो जाती है
किसी और की
जरूरत ही नहीं पड़ती
तुम हो मेरे
जब तुम मुझे बताते हो ....
एक अजब सी
शांति है मन के
कोने-कोने में
चेहरे पर
मुस्कुराहट है
एक तुम्हारे होने में
मन की बगिया
खिलखिलाती है
जब तुम
मुझे सताते हो
अधिकार जताते हो
मैं तुम्हारी हूं
तुम यह मुझे बताते हो.**
-
**यदि सच्चा प्रेम किया है तो वो समाप्त हो पाना असम्भव है,
हां दुख होता है अपने प्रिय के बिछड़ने पर ,
परंतु प्रेम पर दुख भारी नही पड़ता,और बढता है,
प्रेम की स्थिरता को दुख कभी समाप्त नहीं कर सकता ,
कोई भी परिस्थिति,आपको विवश नही कर सकती ,
अपने प्रेम को अपने दिल से मिटाने के लिए ,
बशर्ते आप उस प्रेम का दिखावा न करें,
उसे दिखावे या शोरगुल में तब्दील न करें,
उसे बस शांति से अपने जीवन में,
अपने मन में ऐसे बसाए रखे जैसे ,
अपने आराध्य को बिना देखे मन में बसाए रखते हैं,
बिना किसी दिखावे,बिना किसी आडंबर के.......
प्रेम को समझिए तब ही प्रेम कीजिए ,
नही तो व्यर्थ में अपना और ,
दूसरों की भावनाओ से नही खेलना चाहिए**
आर्ची-
**प्रेम सदा ही जीवन मरण से परे रहा है,
प्रेम मोह नहीं है ,
प्रेम तो त्याग है,समर्पण है,
सदा पाना नही है,
खोकर भी उसे खुद में बसाए रखना प्रेम है,
आखिर वो कैसा प्रेम है,
जो आंखो के सामने व्यक्ति को देखकर ही उमड़े,
प्रेम तो वो है जो किसी को याद करने मात्र से,
आंखो में झलकने लगे,
उसकी ख्याल मात्र से ही,
एक सुखद एहसास मन को सुकुन दे जाए,
मृत्यु के बाद केवल देह ही तो राख होती है,
वो भावनाएं वो एहसास, वो कहां मर पाते हैं,
जिन्हे मन में बसा कर रखा होता है,
उनका सामने होना न होना फिर मायने नही रखता ,
जैसे शाम होने से न तो सूरज का पहचान खत्म होता है,
और न रात के आने से सुबह का आना रुकताहै,
ठीक उसी तरह जो सच्चा प्रेम है वो अमिट है,
बाकी जो आजकल प्रेम है सिर्फ नाम का है ,
आज करो,
कल स्वाहा है ....**.😄
आर्ची-
**हlमेशा हर किसी को किसी ना किसी के
आने का इंतजार नही होता,
होते है कुछ लोग मुझ जैसे
जो ठहरे रहते हैं,कहीं पीछे ही ,
दुनिया से कुछ दूर ,कुछ पीछे चलते हुए,
उन्हें किसी के आने जाने से ,
कोई सरोकार नहीं रहता,
वो बस डुबे रहते हैं,अपने अतीत लमहो में,
उन्हें जरूरत ही नही होती,
किसी अन्य की ,
वो बस किसी एक के लिए ही जीते हैं,
और सिर्फ उनके ही होकर रह जाते है,
उनको ही हृदय में सर्वोच्च स्थान देते हैं,
वो उनके तस्वीरो से बातें करते हैं,
उन्हे अपने अंदर ही कही
उनकी सांसों का चलना महसूस होता है
वो उन्ही के ख्याल से संवरते हैं,
उन्ही के हाथो को थामकर अक्सर,
वो जिंदगी की कई मुश्किलें पार करते है,
अब भी दुनिया में मुझ जैसे भी कई लोग है,
जो बस एक शख्स से ही प्यार करते हैं,
उनके लिए केवल वही शख्स होता है
उनकी पूरी दुनिया , पूरी ताकत व कमजोरी भी,
ताकत ऐसी कि वो पूरी दुनिया से लड़ सकते हैं,
कमजोरी ऐसी कि खुद से भी हार जाए,
कुछ होते हैं ऐसे भी ,
जो जीवन में केवल एक बार प्यार करते हैं..!
पहला हो न हो पर आखरी प्यार जरुर होता है!!**
आर्ची☺️-
*"मैं तिनका तिनका लफ्जों में पिरोती हूं तुझे,
सोचती हूं, खोती हूं ,और बिखर जाती हूं,
महसूस करती हूं तुझे दिल की गहराइयों से,
तेरी रग रग से वाकिफ हो जाती हूं,
निहारती हूं तुझे,
इक टुक कई लम्हों तक,
तेरे ख्याल में रहकर अक्सर,
मैं खुद को ही भूल जाती हूं ,
वो मुस्कुराती निगाहों से तेरा देखना मुझको,
मैं बिना श्रृंगार के ही संवर जाती हूं,
दूरियां होने के बावजूद ,
जो रहता है हर पल मेरे मन मेरे एहसास मे हमेशा,
ख्याल तेरी नज़दीकियों का,
मदहोश करता है मुझे,
तेरे इश्क में खो कर ,
मैं और निखर जाती हूं...!**
आर्ची🤗-
** duniya ki bheed m apni hasti bana lete hain,
Hum muskilon ko jeevan ki masti bana lete hain,
Hame kya khof hoga samundar -e-sahil ka,
Hum to tufaan ko bhi apni kasti bana lete hain.**-
** waise to baat batane ki nahi par tum batane dogi kya,
Mohabbat kitni h tumse ye jatane dogi kya,
Pass kuchh nahi mere sirf ek sindoor ki dibbi h,
Maang bhi suni h tumhari sindoor lagane dogi kya,
Tum bhi akeli or main bhi akela tanha hu,
Dekar haatho m haath saath nibhane dogi kya,
Haath abhi Khali h tumhare par inhe aise na rakho,
Mere naam ka chuda inme sajane dogi kya,
Jab tum chalo mere Ghar k aangan m to chham chham ki aawaj ho,
Apne pairo m mujhe payal pehnane dogi kya,
Pass kucch nahi mere sirf ek sindoor ki dibbi h,
Maang bhi suni h tumhari sindoor lagane dogi kya.**-
** zindagi ka meri wo ek armaan ban gaye,
Wo jaan - jaan kehte the meri Jaan ban gaye,
Unki mohabbat mere liye ebaadat se Kam nahi,
Meri zindagi ki wo ek pehchaan ban gaye.**-