vikrant sehgal   (Vikrant Sehgal)
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Joined 25 February 2017


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28 JUN 2021 AT 16:00

कभी सही किया कभी गलत किया
इस ज़िंदगी मे हमने क्या नही किया
वक़्त दौडा इतनी तेज़ हम पीछे रह गए
कभी काम अधूरा किया कभी पूरा किया

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17 JUN 2021 AT 10:16

इतनी अदाएं, शोखियाँ
और ये तिलिस्म उनकी मुस्कान का
तितली के जैसे रँग बिखेरना उसका
और आँखे झुकाकर क़त्ल करना
सारे बादल तरसते हैं
उसकी ज़ुल्फ़ में संवरने को
भीग जाए, फिसल जाए ये जमाना
हाथ जो फिराए बादलों से इश्क़ करने को
इन लबों को चूमा है
चूम लिया है उसकी उँगलियों ने लबों को
जल जाए ये दुनिया इतना ही देखकर
काफ़ी ये भी सितम करने को
ये फितरत कहाँ होती है चाँद की
वो दीदार दे दिन भी रात भी
है ये फितरत कहाँ चाँद की
रोज जमीन पर उतरने की...
सुनो,
काले घने बादलों थोड़ा संभलकर रहना
उनको गालों से टकराये जो
गिर जाओगे उनकी मोहब्बत में...

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7 JUN 2021 AT 23:03

बहुत दूर तक जाना होता है जिनको
वो पाँव नही बस रास्ते देखा करते हैं।

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31 MAY 2021 AT 15:12

क्या लिखूँ?

अगर ये सवाल है स्वयं से
तो लिखना वो सारी बातें
जो करते हो अकेलेपन से
तुम लिखना वो सब
जिसे बयाँ न कर सको
तुम लिखना
नदियों को अपना गुरु
तुम लिखना
आकाश को अपना हमसफ़र
तुम लिखना
सफ़र को अपनी ज़िंदगी
तुम लिखना प्रेम को
जीवन का आधार
तुम लिखना प्रेम अपार

सवालों के जाल
एक दिन बदल जाएंगे
प्रेम जब होगा अपने आप से
जवाब खुद मिल जाएंगे।

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20 MAY 2021 AT 19:12

वो शरमाये भी
वो घबराए भी
नज़रें थोड़ी चुराए भी
इश्क़ का पंछी
कितनी बाते करता है
देखो,
तुम ही से इश्क़ करता है
तुम ही को बताने से डरता है।

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4 MAR 2021 AT 14:45

कहानियाँ बनकर किरदार कई आते रहे
ज़िन्दगी में हमें ख़्याल कई आते रहे
जिसका जवाब आईना ही था मेरे घर का
ऐसे कई सवाल हमें रोज़ सताते रहे
हमने सादा रखा लिबाज़ फ़ितरत का
लोग ज़िन्दगी में आते रहे और जाते रहे

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4 MAR 2021 AT 9:02

वक़्त को आदत है गुज़र जाने की
मैं ठहर कर भी न ठहरा यहाँ
बरस गुज़र गए अपनी ही तलाश में
रहा सफ़र को इंतज़ार मेरा यहाँ

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24 FEB 2021 AT 16:36

अरमानो की बस्ती में
तुमसे मोहब्बत उधार ली है
सोच में हूँ अब
इसका ब्याज कैसे चुकता करेंगे

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22 FEB 2021 AT 8:49

कभी महसूस करना, जब आप संगीत में लीन हो और आपको कोई पुकारे आवाज़ दे तब आपको कुछ भी सुनाई नही देता। लोगो को लगने लगता है कि आप कुछ कर रहे हैं। और जब आप कुछ कर रहे होते हैं तब कोई आपसे आपका परिचय नही पूछता। शायद कुछ न कुछ करते रहना ही परिचय देना होता है।

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31 JAN 2021 AT 23:38

दुनिया के किसी भी लेखक से
अगर आप कहो कि जिंदगी का सार
केवल एक शब्द में बताए
तो वह 'प्रेम' लिखकर
अपनी बात खत्म कर देगा।

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