यादों का झोंका बनकर ,
मेरे झरोखे से आ जाना ,..
किसी शाम से,
हम मुलाकात को बैठे हैं..
- आस्था राय🥰
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दफन करते रहो
जबरन तकलीफों को ,
कहीं जानकर कमजोरी
तुम्हें ना दफना दे...
- आस्था राय 🥰
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सिमटकर बाहों में,
आकर निगाहों में ;
घुलकर बातों में,
फुसफुसाकर कानों में ;
किसी भी बहाने से..
पास ही बैठे रहो,
ताउम्र को तलबगार हैं आपके..
तलब आप बने रहो
- आस्था राय🥰
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Where He loves her every stains
From her Pimples to Periods
She also accepts his every stages
From His Bonus as well as his Loss
- Aastha Rai🥰-
वो लिपटा लूह में
दिगंबर आया है,
वो लिपटा राख में
दिगंबर जायेगा ;
क्या माया??क्या मोह??
उसे ना रोक पायेगा ;
धन धरा रह गया,
रिश्ता पड़ा रह गया ;
मोह भंग हो गया,
क्षण भर में ..
सब खत्म हो गया ;
कुछ बचा क्या??
कुछ नहीं...
बस बचा तो
एक तेरे व्यक्तित्व का बखान ;
फिर इस छल में
क्यूँ पड़ रहा हैं,
दौलत को क्यों लड़ रहा है ;
अमीरी- गरीबी में क्यों
रिश्ते तौल रहा हैं ;
जन्म और मरण के
बीच के ,
इस सफर का..
आनंद भोग ले ;
किसे??पता कब
यमराज आयेगा..
कब??
ये काया राख हो जायेगा...
- आस्था राय🥰
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जैसे- जैसे फिसल रही थी,
उसकी उंगलियाँ उसकी रेशमी बालों में ;
ठीक वैसे-वैसे ही ...
मेरे दिल
उसपर फिसल रहा था..
- आस्था राय🥰
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महीनों से साल में तब्दील ,
इंतजार के वक़्त का हो जाना ;
और फिर गिनी -चुनी मिलाकात..
फिर उसी इंतजार को दुहराना ;
और ऐसे थाम लूँ उसकी हाथें ,
की बस वो यहीं ठहर जाये ;
गले लगाया था उसने..
मेरे जिस कमीज़ में...उसे धोने से हकलाना ;
इश्क़ में नादानियों का आना लाजमी हैं...
थोड़ी सी मिठी जलन...उसे हिदायत दे जाना ,
छोटी से बड़ी हर बात उसे बताना ;
शिद्दत का साथ हिम्मत का भी आना...
आसान होता नहीं, बनाना पड़ता हैं,
करना नहीं निभाना पड़ता हैं...
- आस्था राय🥰
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मोहब्बत ये नहीं की ,
बहुत प्यार है तुमसे ;
मोहब्बत समझ और परवाह हैं..
और समझ ये नहीं की ,
वो कहीं भी जाये.. किसी के साथ हो
उसने मुझे बताया हैं.. इस बारे में ;
जो आपका हैं वो आपका हैं
प्रमाण की जरूरत क्या??
जहाँ विशवास पूरा हैं...
मोहब्बत वो हैं की..की उसके आवाज से
उसका हाल जान लूं ;
और जो मजा इन दूरियों वाले इश्क़ में हैं,
वो नजदीकीयों वाले इश्क़ में कहाँ??
सुनने को एक लफ्ज़ उसकी.. जाने कितना इंतजार,
देख जोड़ो को साथ में,
खुद की हथेलियों का सिमट जाना ,
जैसे वो साथ चल रहा हो ;
देख बगल में खुद के मुस्कुराना...
जैसे वो करीब में बैठा हो ;
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मुलाकात की अगली
तारीख आने तक...
आपके आगेश की खुशबू ,
मैं खुद में घोले रहूंगी ;
आपकी बाजूओं की ,
जकड़ के अहसास में
जकड़े रहूंगी ;
अपनी हथेलियां में ... ,
आपकी हथेलियों को महसूस करते रहूंगी ;
हटा मेरे बालों को... यूँ चूम जाना मुझे आपका,
इस ख्याल से मेरी कपोल ( गाल).. चमकती रहूंगी ;
मेरी बचकानी सिफारिशें आपसे... अब जरा मुश्किल हैं,
यूँ कभी भी मिल जाना थोड़ा मुश्किल हैं ;
मगर यादों से इन दूरियों को
लुप्त कर देंगे ;
थोड़ा इंतजार दोनों कर लेंगे...
- आस्था राय🥰
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