Vikram Singh   (गुम पन्नों की जुबान !!)
100 Followers · 4 Following

Joined 13 April 2018


Joined 13 April 2018
17 MAR AT 20:49

पैसों से खरीदा है एक बदन आकर देख,
चूमा है जिसको आज तेरा गाल नहीं है,
एक दिन मैं लौट आऊँगा घुटनों के बल तुम्हारी ओर,
मगर ये दिन नहीं है वो ये वो साल नहीं है..!!

-


2 DEC 2024 AT 15:24

जब तक किसी दीवार से धक्का नहीं लगा,
तब तक मैं अपने आप को अंधा नहीं लगा,

आँखों को इंतजार मे चश्मे लगे मग़र,
खिड़की पर आज तक कोई पर्दा नहीं लगा,

आपके न देखने से मर गया हूँ मैं,
एक आपके न देखने से मर गया हूँ मैं,
ये देखकर भी आपको सदमा नहीं लगा,

फुर्सत मिले अगर तो किसी रोज़ आइए,
सदियों से मेरे गाँव में मेला नहीं लगा,

इस मुफ़लिसी ने छीन ली लज्जत जुबान से,
मेहनत का फल चखा़ भी तो मीठा नहीं लगा..!!

-


8 APR 2021 AT 9:14

जिस शख़्स ने तुझे चाहा नहीं, मांगा नहीं,

उस शख़्स को तू मिल जाये ये इंसाफ थोड़ी है.!

-


7 APR 2021 AT 21:30

शिकायतें खाक हो जाएंगी,

तू जरा इश्क को वक्त दे कर देख...।

-


6 APR 2021 AT 21:18

ढूँढ़ लेना खुद को मेरे अल्फाज़ों की बारिश में..

सरेआम जो तेरा नाम लिखा तो आम हो जाओगे...!!

-


6 APR 2021 AT 21:11


फासले उन्हें क्या जुदा करेंगे

जो बसते ही एक दूसरे में हो

-


6 APR 2021 AT 21:07



चेहरे अज़नबी हो जाएं तो कोई बात नहीं!!!

पर जब रवैये अज़नबी हो जाएं तो तक़लीफ़ होती है!!!

-


5 APR 2021 AT 22:38

आज फिर कोई समझौता आएगा मेरे हिस्से,

आज फिर कोई कह रहा था "समझदार हो तुम"... !!

-


5 APR 2021 AT 22:13

मेरी सादगी ही गुमनाम में रखती है मुझे

जरा सा बिगड़ जाऊ तो मशहूर हो जाऊ।।

-


5 APR 2021 AT 22:08

सामने यार हो और होश तेरे गुम नही ..

या तो वो यार नही या फिर आशिक़ तुम नहीं ..

-


Fetching Vikram Singh Quotes