Vikram Singh   (विक्रम सिंह)
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मशहूर होने की तम्मना ही नही दिल में,
मैंने लोगों हो हुनर की नुमाइश करते देखा है..
Joined 3 December 2018


मशहूर होने की तम्मना ही नही दिल में,
मैंने लोगों हो हुनर की नुमाइश करते देखा है..
Joined 3 December 2018
26 NOV 2019 AT 21:06

तेरी मोहब्बत मे डुबकर में चूर हो गया,
एक पल का ही साया था जो दूर हो गया,

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3 MAY 2019 AT 15:12

वोह मोहब्बत थी या कोई खुली आँखों का ख्वाब,
कलम से लिपटा गहरा नशा था या कोई खाली किताब

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7 FEB 2019 AT 21:35

अब मैं दर-ब-दर नही भटकना चाहता,
कत्ल हो गया मैं तेरी कातिलाना नज़र से..

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1 FEB 2019 AT 11:44

जिसको जिंदगी समझ बैठा था वो महज एक परछाई ही थे...

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22 JAN 2019 AT 22:16

वो झरोखे जो कबी दिल से होकर गुजरते थे,
आज एक ताबूत में बंद से होकर रह गये..

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7 JAN 2019 AT 18:58

मैं हर वोह कोशिश करता गया जो मेरा दायरे में थी,
बस दिल को ना बचा पाया जो मेरी कमजोरी थी,
अगले जन्म में मिलेंगे ये वायदा वी ख़ामोश हो गया,
तबाह कर दी सभी यादें तूने इतनी भी क्या जल्दी थी..

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14 DEC 2018 AT 22:27

ਜਦ ਮੈਂ ਦੀ ਤੂੰ ਨਾਲ ਸਾਂਝ ਨਾ ਰਵੇਗੀ,
ਬਸੰਤ ਵੀ ਪੱਤਝੜ ਵਾਂਗ ਜਾਪੇਗੀ,
ਗੁਜਰੇ ਵਕ਼ਤ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਾਗਾਂ,
ਤੇਰੀ ਖੁਸ਼ੀ ਖਾਤਰ ਲੱਖ ਵਾਰ ਮਰਾਗਾਂ,
ਹੰਜੂ ਪੂੰਝਣੇ ਤੇਰੇ ਮੇਨੂ ਬੜਾ ਹੀ ਸਤੋਣਗੇ,
ਰੋਜ ਰਾਤ ਮੈਨੂੰ ਕਲਮ ਹੀ ਚਕੋਣਗੇ..

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10 DEC 2018 AT 21:40

उन चँद लमहों को यादगार बना दु,
ना मिट सके ऐसी दास्तां बना दु,
आख़री सांस तक ना बुझे वो दिया,
कर्ज़दार रहूं में उम्रभर यही है दुआ,
बिखरे सितारों को एक पहचान दे दु,
ना मिट सके ऐसी दास्तां बना दु,

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7 DEC 2018 AT 15:08

मैं अपनी गहराई में इश्क़ बोता रहा,
उदर ज़नाझा उठा मेरे ख़्वाबों का..

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6 DEC 2018 AT 6:25

मैं खुद से नाराज हुं या जमाना ही नाराज है,
मेरी तनहाई मुझसे एक ही सवाल करती है...

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